स्कूल में नामांकन के समय किसी भी बच्चे की पहली भाषा उसकी मातृभाषा होगी. दूसरी भाषा हिंदी और तीसरी भाषा के रूप में इंगलिश लिया जायेगा. सीबीएसइ ने यह निर्णय कमीशन फॉर लिंग्विस्टिक माइनॉरिटी (सीएलएम) की 50वीं रिपोर्ट के बाद लिया है. सीबीएसइ बोर्ड द्वारा तमाम स्कूलों में इसकी जानकारी भेज दी गयी है. बोर्ड के अनुसारवर्ष 2015 से नये नामांकन के समय बच्चे के प्रथम भाषा के रूप मातृभाषा की जानकारी लेना आवश्यक होगा.
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बच्चों की पहली भाषा होगी मातृभाषा
आसनसोल: स्कूलों में नामांकन के समय बच्चों से उनकी मातृभाषा की जानकारी ली जायेगी. बच्चे किस मातृभाषा से जुड़े हैं, इसकी जानकारी नामांकन के समय नामांकन फार्म के माध्यम से ली जायेगी. स्कूल में नामांकन के समय किसी भी बच्चे की पहली भाषा उसकी मातृभाषा होगी. दूसरी भाषा हिंदी और तीसरी भाषा के रूप में […]
आसनसोल: स्कूलों में नामांकन के समय बच्चों से उनकी मातृभाषा की जानकारी ली जायेगी. बच्चे किस मातृभाषा से जुड़े हैं, इसकी जानकारी नामांकन के समय नामांकन फार्म के माध्यम से ली जायेगी.
शिक्षकों ने किया इस निर्णय का स्वागत
सीबीएसइ से संबद्ध स्कूलों के शिक्षकों ने कहा कि मातृभाषा को प्रमोट करने के लिए सीबीएसइ ऐसा करने जा रहा है. मातृभाषा को एकेडमिक से अलग रखने के कारण बच्चे अपनी मातृभाषा से अलग होते जा रहे हैं. काफी संख्या में ऐसे स्टूडेंट हैं, जिन्हें अपनी मातृभाषा बोलनी तक नहीं आती है. मातृभाषा को बचाने और बढ़ावा देने के लिए सीबीएसइ इसे शुरू करने जा रहा है. वर्ष 2015 में नये नामांकन और फिर 9वीं और 11वीं के रजिस्ट्रेशन के समय स्टूडेंट से यह जानकारी ली जायेगी.
बच्चे की मातृभाषा से अंजान है स्कूल
किसी भी स्कूल के पास स्टूडेंट के बारे में बस दो भाषा हिंदी और इंगलिश की जानकारी होती है. बच्चे किस क्षेत्र से जुड़े हैं, इसकी जानकारी स्कूलों के पास नहीं होती है. इससे उच्च शिक्षा तक पहुंचते-पहुंचते बच्चे अपनी मातृभाषा से दूर हो जाते हैं. सीबीएसइ के अनुसार हर स्कूल के पास उसके यहां पढ़ रहे तमाम स्टूडेंट के बारे में यह जानकारी होनी चाहिए कि वह स्टूडेंट किस क्षेत्र से आता है. जल्द ही बोर्ड इसको लेकर एक सर्वे करने जा रहा है. इसमें यह देखा जायेगा कि स्कूल में कितने फीसदी बच्चे अपनी मातृभाषा को जानते हैं.
रजिस्ट्रेशन फॉर्म में जोड़ा जायेगा कॉलम
इतना ही नहीं, वर्ष 2015 में नये नामांकन के साथ सीबीएसइ 9वीं और 11वीं के रजिस्ट्रेशन फार्म में भी मातृभाषा का एक कॉलम देने जा रहा है. बोर्ड की एकेडमिक बैठक में लिये गये इस फैसले के बाद तमाम स्कूलों को निर्देश जारी कर दिया गया है. अभी तक रजिस्ट्रेशन फार्म में दो भाषा की जानकारी स्टूडेंट्स से मांगी जाती थी. इसमें पहली और दूसरी भाषा की जानकारी ली जाती थी. इसमें पहली भाषा हिंदी और दूसरी भाषा इंगलिश होती थी, लेकिन अब पहली भाषा मातृभाषा होगी. इसके बाद ही हिंदी और इंगलिश भाषा को जोड़ा जायेगा.
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