दार्जिलिंग : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) की धाराओं पर स्पष्टीकरण मांगा. उन्होंने केंद्र पर इस मुद्दे पर झूठ फैलाने का आरोप लगाया.
दार्जिलिंग में सीएए के खिलाफ चार किलोमीटर लंबे विरोध मार्च का नेतृत्व करने के बाद एक रैली को संबोधित करते हुए बनर्जी ने कहा कि केंद्र सरकार केवल गैर-भाजपा शासित राज्यों में सीएए को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रही है. उन्होंने दावा किया कि भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार के भय से पश्चिम बंगाल को छोड़कर सभी राज्य नयी दिल्ली में एनपीआर को लेकर हुई बैठक में शामिल हुए थे. बनर्जी ने हिंदी में रैली को संबोधित करते हुए कहा, हर दिन केंद्रीय गृह मंत्री नये उपदेश दे रहे हैं. मंगलवारको उन्होंने कहा कि हम (विपक्षी पार्टियां) लोगों को गुमराह कर रहे है. मैं उनसे यह स्पष्ट करने के लिए कहना चाहूंगी कि क्या किसी व्यक्ति को पहले विदेशी घोषित किया जायेगा और उसके बाद उसे सीएए के तहत नागरिकता के लिए आवेदन की अनुमति होगी.
उन्होंने दोहराया कि पश्चिम बंगाल में सीएए, एनपीआर और एनआरसी की अनुमति नहीं दी जायेगी. उन्होंने कहा कि किसी भी नागरिक को राज्य से बाहर करने के लिए भाजपा को पहले उन्हें बाहर फेंकना होगा. मुख्यमंत्री ने चौकबाजार क्षेत्र में रैली को संबोधित करते हुए कहा, असम में एनआरसी के कारण लाखों गोरखा बेघर हो गये. हम दार्जिलिंग में ऐसा होने की अनुमति नहीं देंगे क्योंकि मैं यहां हूं. शाह ने विपक्षी पार्टियों पर सीएए को लेकर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया था और कहा था कि विरोध प्रदर्शनों के बावजूद इस कानून को वापस नहीं लिया जायेगा. इससे पूर्व ममता ने सीएए और प्रस्तावित राष्ट्रव्यापी राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के खिलाफ राज्य के विभिन्न भागों में दस विरोध मार्च और छह रैलियों का नेतृत्व किया था.