UP News: उत्तर प्रदेश में सड़क सुरक्षा को लेकर एक बड़ा कदम उठाया गया है. राज्य में सोमवार, 1 सितंबर 2025 से “नो हेलमेट, नो फ्यूल” अभियान की शुरुआत हो गई है. इस अभियान के तहत जो भी दोपहिया वाहन चालक बिना हेलमेट के पेट्रोल पंप पर आएगा, उसे ईंधन नहीं दिया जाएगा.
अभियान का उद्देश्य सुरक्षा, न कि सजा
इस मुहिम का मकसद लोगों को दंडित करना नहीं, बल्कि उन्हें हेलमेट पहनने के प्रति जागरूक करना है. परिवहन आयुक्त बृजेश नारायण सिंह ने कहा कि, “हेलमेट पहनना जीवन का सबसे सरल बीमा है. यह अभियान दंड नहीं, सुरक्षा का संकल्प है.”
कौन-कौन होंगे शामिल?
यह अभियान 30 सितंबर 2025 तक चलेगा. इसमें परिवहन विभाग, पुलिस, राजस्व और जिला प्रशासन की संयुक्त भागीदारी होगी. जिलाधिकारी के नेतृत्व में जिला सड़क सुरक्षा समिति (DRSC) द्वारा इसकी निगरानी की जाएगी.अभियान मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 129 के तहत संचालित किया जा रहा है, जो दोपहिया वाहन चालक और पीछे बैठने वाले दोनों के लिए हेलमेट अनिवार्य करता है. इसके उल्लंघन पर धारा 194D के अंतर्गत जुर्माने का प्रावधान है. उच्चतम न्यायालय की सड़क सुरक्षा समिति ने भी राज्यों को इस कानून को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए हैं.
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पेट्रोल पंपों की भूमिका अहम
परिवहन आयुक्त ने पेट्रोल पंप संचालकों और तेल कंपनियों से भी सहयोग की अपील की है कि वे बिना हेलमेट वाले किसी भी व्यक्ति को पेट्रोल न दें. यह नियम सख्ती से लागू किया जाएगा.
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