Fighter Planes: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ जल्द ही देश की सैन्य शक्ति को मजबूती देने में अहम भूमिका निभाने जा रही है. यहां लड़ाकू विमानों और पनडुब्बियों में इस्तेमाल होने वाले उन्नत उपकरणों के निर्माण की शुरुआत होने वाली है. यह कार्य पीटीसी इंडस्ट्रीज लिमिटेड द्वारा स्थापित किए जा रहे अत्याधुनिक स्ट्रैटेजिक मटेरियल टेक्नोलॉजी कॉम्प्लेक्स में किया जाएगा. यह पहल रक्षा क्षेत्र में ‘मेक इन इंडिया’ और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा और महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है.
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह रखेंगे आधारशिला
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सोमवार को लखनऊ में एक महत्वाकांक्षी परियोजना की आधारशिला रखेंगे. यह कार्यक्रम ब्रह्मोस नेक्स्ट जनरेशन मिसाइल उत्पादन केंद्र के सामने आयोजित होगा, जो कि लगभग 50 एकड़ क्षेत्र में विकसित किया जाएगा. यहां चार अत्याधुनिक निर्माण इकाइयों के साथ-साथ एक विशेष प्रशिक्षण अकादमी की भी स्थापना की जाएगी. यह परियोजना न केवल रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देगी बल्कि स्थानीय स्तर पर तकनीकी दक्षता और रोजगार के नए अवसर भी सृजित करेगी.
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भारत की रक्षा और अंतरिक्ष क्षमता को मिलेगी मजबूती
भारत को अभी तक टाइटेनियम और सुपर अलॉय जैसे हाई-टेक मटेरियल से बने उपकरणों के लिए जर्मनी और फ्रांस जैसे देशों पर निर्भर रहना पड़ता था. यही वजह है कि तेजस मार्क-2 जैसे महत्वपूर्ण लड़ाकू विमानों के इंजन निर्माण में बाधा आई. लेकिन लखनऊ में जल्द शुरू होने जा रही घरेलू उत्पादन व्यवस्था इस निर्भरता को खत्म कर देगी. यहां लड़ाकू विमानों, पनडुब्बियों, स्पेसक्राफ्ट और एयर इंजन के लिए जरूरी अत्याधुनिक पुर्जों का निर्माण किया जाएगा, जिससे भारत की रक्षा और अंतरिक्ष क्षमता को नई मजबूती मिलेगी.
कॉम्प्लेक्स में बनाए जाएंगे ये 4 अत्याधुनिक निर्माण संयंत्र
- एयरोस्पेस प्रिसीजन कास्टिंग प्लांट
- एयरोस्पेस प्रिसीजन मशीनिंग प्लांट
- स्ट्रैटेजिक पाउडर मेटलर्जी फैसिलिटी
- एयरोस्पेस फोर्जिंग और मिल प्रोडक्ट यूनिट
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