7.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

कुएं का पानी बेहतर विकल्प लेकिन बना दिया कूड़ेदान

रामगढ़ : बेलहरी ब्लॉक के गंगापुर गांव में एक दर्जन से अधिक कुआं है, लेकिन रखरखाव के अभाव में सभी बेकार पड़े हैं. आस-पास के अन्य गांवों में भी कुओं की स्थिति कमोबेश यही है. वहीं एनएच के दक्षिण स्थित होने के चलते तमाम कुएं गंगा की लहरों में समा गये. अब जो कुएं बचे […]

रामगढ़ : बेलहरी ब्लॉक के गंगापुर गांव में एक दर्जन से अधिक कुआं है, लेकिन रखरखाव के अभाव में सभी बेकार पड़े हैं. आस-पास के अन्य गांवों में भी कुओं की स्थिति कमोबेश यही है. वहीं एनएच के दक्षिण स्थित होने के चलते तमाम कुएं गंगा की लहरों में समा गये. अब जो कुएं बचे हैं, उसे लोगों ने कूड़ेदान बनाकर पाट दिया है.

यह जानते हुए भी कि कुएं का पानी उनके स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है, कभी उसे बचाने की कोशिश नहीं की. कुओं के रख-रखाव से बेहतर लोग आरओ का पानी खरीदकर पीना पसंद कर रहे हैं. डॉक्टरों की मानें तो आरओ का पानी लगातार सेवन करने से हड्डियां कमजोर होती जा रही है.
जिले के भूमिगत जल में आर्सेनिक के मात्रा होने की सूचना पर यादवपुर विश्वविद्यालय कोलकाता के प्रोफेसर डॉ दीपांकर चक्रवर्ती बेलहरी ब्लॉक के ग्राम सभा गंगापुर के साथ ही अन्य गांव के हैंडपंप व कुएं के पानी का नमूना लेकर कोलकाता चले गये. वहां अपनी लेबोरेटरी में पानी की जांच की तो पाया कि इन बस्तियों में आर्सेनिक की मात्रा मानक से कई गुना अधिक है.
आंदोलन के बाद 2003 में जागा था प्रशासन
जिन हैंडपंपों पर लगे थे निशान, अब वही सहारा
जल निगम बलिया के अधिकारियों ने गांव में लगे इंडिया मार्का हैंडपंप के जल की जांच के बाद खतरा बताते हुए लाल क्रॉस का निशान लगवा दिया था. उसके बाद जल निगम ने एक पर्ची छपवा कर पीड़ितों के बीच में वितरण किया कि पानी का सेवन कैसे करें. साथ ही कुएं के पानी को आर्सेनिक मुक्त बताया. हालांकि उस वक्त विभाग ने जिन हैंडपंपों पर लाल निशान लगवा दिया था, मजबूरी में लोगों के लिए वही सहारा है.
जल निगम की डेढ़ दशक की कोशिशें बेकार
लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए जल निगम ने पिछले डेढ़ दशक में तमाम कोशिशें की, लेकिन सभी बेकार साबित हुई. अब तक आर्सेनिक मुक्त जल उपलब्ध कराने के लिए जल निगम का कोई प्रोजेक्ट धरातल पर मूर्त रूप नहीं ले पाया.
चाहें आर्सेनिक रिमूवल प्लांट हो या आइआइटी मुंबई द्वारा लगाया गया फिल्टर या ओवरहेड पानी टंकी. इन सब संसाधनों से निकलने वाले पानी में आर्सेनिक की मात्रा आज भी मिल रही है. आर्सेनिक रिमूवल प्लांट तो रखरखाव के अभाव में दम तोड़ चुके हैं. पानी टंकी ही एकमात्र उपाय दिख रही है.
Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel