लोगों का जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है
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आफत की आंधी से अंधेरे में बड़ी आबादी
लोगों का जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है 48 से 50 घंटे लोग रहे अंधेरे में चाईबासा : बीते शनिवार व रविवार की रात आयी आंधी पश्चिमी सिंहभूम के कई इलाकों में आफत बन गयी. दरअसल कई इलाकों में 72 घंटे से बिजली नहीं है, तो कई इलाकों में 48-50 घंटे से लोग अंधेर में […]
48 से 50 घंटे लोग रहे अंधेरे में
चाईबासा : बीते शनिवार व रविवार की रात आयी आंधी पश्चिमी सिंहभूम के कई इलाकों में आफत बन गयी. दरअसल कई इलाकों में 72 घंटे से बिजली नहीं है, तो कई इलाकों में 48-50 घंटे से लोग अंधेर में हैं.
बिजली नहीं रहने के की इलाकों में पानी का संकट हो गया है. वहीं आंधी के कारण जहां-तहां गिरे पेड़ से काफी नुकसान हुआ है. जहां-तहां बिजली के तार गिर गये हैं, जिसे दुरुस्त करने में विभाग के पसीने चूट रहे हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में गर्मी से लोग बेहाल हैं, वहीं बिजली संकट ने परेशानी बढ़ा दी है. विभाग के खिलाफ ग्रामीणों में आक्रोश है.
तांतनगर : दर्जनों गांवों में 72 घंटे से ब्लैक आउट
तांतनगर प्रखंड के विद्युत उपकेंद्र के फीडर नंबर तीन से जुड़े गांवों में 72 घंटे से बिजली नहीं है. बिजली नहीं होने से तुइबाना, इलिगड़ा, कुलाबुरू, सीनी, रोलाडीह, कुम्बराम, मुढ़दा, सिदमा, नड़गसाई, टिरूंगबासा, सेरेंगबिल, बानाबीर, कासेया, गुमदापोखर, सासे, मुरतोन्डांग, हरिबेड़ा, पुंडीगुटू, मिरूडीह, हिन्दूडीह, तेन्तेड़ा, काठभारी, चेड़ेयापहाड़ी, डोबरो बासा, चोलेबासा, मुरडीह, पेन्दरगड़िया आदि गांवों के लोग अंधेरे में हैं. चेड़ेयापहाड़ी मंझगांव विधानसभा के विधायक निरल पुरती का गांव है. ग्रामीणों का कहना है कि बिजली नहीं रहने से लोगों का जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है.
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