सिमडेगा. राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के निर्देशानुसार एवं प्रधान जिला न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष राजीव कुमार सिन्हा के मार्गदर्शन में जिला विधिक सेवा प्राधिकार व श्रम विभाग के सहयोग से गुरुवार को विश्व श्रमिक दिवस पर श्रम कार्यालय सभागार में विधिक साक्षरता व जागरूकता शिविर लगाया गया. कार्यक्रम में प्राधिकार के चीफ एलएडीसीएस प्रभात कुमार श्रीवास्तव व डिप्टी एलएडीसीएस ब्रिखभान अग्रवाल ने श्रमिकों को उनके अधिकार की जानकारी दी. श्रम अधीक्षक पुनीत मिंज ने श्रम विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के बारे जानकारी दी. प्रभात श्रीवास्तव ने कहा कि भारत में श्रमिकों के हित को ध्यान में रखते हुए विभिन्न प्रकार के श्रम कानून बनाये गये हैं. इन श्रम कानूनों के अंतर्गत श्रमिकों को विभिन्न अधिकार दिये गये हैं. यदि श्रमिकों को निर्धारित न्यूनतम दर से कम मजदूरी का भुगतान किया जाता है, तो वह 10 गुना मुआवजा पाने का हकदार हैं. साथ ही भारत में समान काम के लिए समान मजदूरी की व्यवस्था है. चाहे महिला हो या पुरुष. यदि नियोक्ता श्रम कानून का पालन नहीं करते हैं, तो आप न्यायालय की शरण ले सकते हैं. डिप्टी एलएडीसीएस ब्रिखभान अग्रवाल ने बताया गया कि किसी भी श्रमिक को बंधुआ मजदूरी व बाल श्रम के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता. यह कानूनन अपराध है. इसके अलावा उन्होंने श्रमिकों को बाल श्रम निषेध अधिनियम, बंधुआ मजदूरी आदि के संबंध में विस्तार से बताया. उन्होंने कहा कि जागरूकता कार्यक्रम का उद्देश्य श्रमिकों को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करना व संबंधित सुविधाओं का लाभ प्रदान करना है. मौके पर नालसा की असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए विधिक सेवा योजना के संबंध में जानकारी प्रदान की गयी. मौके पर श्रम कार्यालय परिसर में पौधरोपण किया गया. मौके पर पीएलवी अजीत केरकेट्टा, दीपक कुमार, सुरजीत प्रसाद आदि मौजूद थे.
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