इटकी.
मुड़मा मेला के दूसरे दिन इटकी में वार्षिक जतरा शुक्रवार को पारंपरिक रूप से मनाया गया. जतरा में आदिवासी समाज के सैकड़ों महिला-पुरुष पारंपरिक वेशभूषा में मांदर, ढोल, नगाड़े की थाप पर जम कर नृत्य गान किये. इससे पूर्व अखरा के करीब सैकड़ो लोग एकत्रित हुए. जहां से जुलूस निकाला गया. पड़हा के प्रतीक काठ के घोड़ा में सवार होकर 12 पड़हा राजा अमन उरांव ने जुलूस का नेतृत्व किया. जुलूस इटकी बाजार, गुलजार रोड, महावीर चौक सहित अन्य क्षेत्र का भ्रमण कर जतरा स्थल पहुंचा. जहां अपने-अपने खोड़हा के साथ देर शाम तक जमकर नृत्य गान किया गया. जतरा में अपने पारंपरिक प्रतीक हाथी, घोड़ा, रम्पा चम्पा, झंडा के साथ सैकड़ों की संख्या में लोग शामिल हुए. मौके पर बीरा उरांव, डब्बू केरकेट्टा आदि मौजूद थे. इधर कुंदी में भी वार्षिक जतरा लगाया गया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

