Ranchi News: झारखंड की राजधानी रांची में पहलगाम हमले को लेकर लगातार आम जनता, विभिन्न समुदायों और पार्टियों का विरोध देखा जा रहा है. इसी कड़ी में शुक्रवार को मुस्लिम समुदाय के लोगों ने पहलगाम में हुई निर्दोष पर्यटकों की हत्या के विरोध में काली पट्टी बांधकर जुम्मे की नमाज अदा की. नमाज पढ़ने के बाद हमले में मारे गये लोगों की आत्मा की शांति के लिए दुआ मांगी गयी. साथ ही नमाज खत्म होने के बाद राजधानी के विभिन्न हिस्सों में लोगों ने हाथों में तिरंगा लेकर प्रदर्शन किया. लोगों ने सरकार से मांग की कि आतंकवादियों और पाकिस्तान को सबक सिखाएं.
मौलानाओं ने की पहलगाम हमले की निंदा
बता दें कि इससे पहले हुई तकरीर में मौलानाओं ने पहलगाम हमले की निंदा की. साथ ही आतंकवाद को खत्म करने के लिए ठोस कदम उठाने की बात कही. इस दौरान मौलाना रहमत रजा ने धुर्वा सेक्टर थ्री ए टाइप स्थित मस्जिद में दुआ करायी और दहशतगर्दों के खिलाफ कठोर कदम उठाने की बात कही. इसके अलावा जामा मस्जिद के बाहर भी हमले को लेकर विरोध होता दिखाई दिया. यहां जुमे की नमाज अदा करने के बाद मस्जिद के खतीव सैय्यद शाह अलकमा शिबली कादरी ने कहा कि “पहलगाम में पर्यटकों पर किये गये कायराना हमले की हम कड़ी निंदा करते हैं. इस्लाम में दहशतगर्दी की कोई जगह नहीं है. हम हिंदुस्तान में रहने वाले सभी लोगों से अपील करते हैं कि अमन और शांति बनाये रखें.”
आतंकवाद को जड़ से खत्म करना चाहिए- गुलाम मुस्तफा
जानकारी के अनुसार, सामाजिक संस्था भारतीय एकता कमेटी के तत्वावधान में भी आतंकी हमले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया. इस दौरान सभी ने हाथ में तख्ती लेकर अपना आक्रोश व्यक्त किया. विरोध प्रदर्शन को लेकर कमेटी के संस्थापक अध्यक्ष गुलाम मुस्तफा ने कहा, “आतंकवाद का कोई भी जात, धर्म, मजहब नहीं होता है. इन लोगों को जड़ से खत्म करना चाहिए.”
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मुस्लिम समुदाय ने निकाला कैंडल मार्च
इधर, मुस्लिम समुदाय के कई लोगों ने पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam Terror Attack) के विरोध में मस्जिद जाफरिया से लेकर अल्बर्ट एक्का चौक तक कैंडल मार्च (Candle March) निकाला. इस कैंडल मार्च का नेतृत्व मौलाना फ्जी सैयद तहजीबुल हसन रिजवी कर रहे थे. उन्होंने कहा कि भारत हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक है. साथ ही मार्च में शामिल लोगों का कहना था कि उनके लिए देश पहले है, धर्म बाद में आता है. आतंकवादियों ने जिस तरह निर्दोष पर्यटकों की हत्या की है. वह इंसानियत के खिलाफ है. मौलाना हसन ने जानकारी दी कि कैंडल मार्च में सुन्नी वक्फ बोर्ड के सदस्य इबरार अहमद, जेएमएम नेता जुनैद अनवर, सेंट्रल मुहर्रम कमेटी के महासचिव अकिलुर रहमान, हाजी नवाब, सैयद शमीम हैदर, सैयद नेहाल अहमद, इकबाल फातमी, सैयद नेहाल हुसैन सरिकवी, सरफराज अहमद सड्डू सहित काफी संख्या में समाज के लोग शरीक हुए.