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झारखंड के प्राइवेट हॉस्पिटल अब रोक कर नहीं रख पाएंगे शव, स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी ने निभाया वादा

झारखंड में अब प्राइवेट अस्पताल शव को रोक कर नहीं रख सकेंगे. स्वास्थ्य विभाग ने इस बाबत आदेश जारी कर दिया है. झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी ने सोशल मीडिया एक्स पर यह जानकारी विभागीय आदेश की प्रति के साथ शेयर की है. उन्होंने कहा कि मंत्री पद की शपथ लेते ही उन्होंने इस बाबत घोषणा की थी.

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रांची-झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी ने कहा है कि मंत्री पद की शपथ लेते ही उन्होंने बड़ी घोषणा की थी कि किसी भी परिस्थिति में मृतक का शव प्राइवेट अस्पतालों में रोक कर नहीं रखा जाएगा. हर हाल में शव परिजनों को सौंपना अनिवार्य होगा. इस फैसले ने झारखंड के हजारों परिवारों को राहत पहुंचाई है. असमय अपनों को खोनेवाले परिजनों के लिए यह निर्णय एक बड़ा संबल और सहारा बनकर सामने आया है. इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग ने आदेश जारी कर दिया है. सोशल मीडिया एक्स पर विभागीय आदेश की प्रति के साथ स्वास्थ्य मंत्री ने यह जानकारी शेयर की है.

Health Department Letter
झारखंड के प्राइवेट हॉस्पिटल अब रोक कर नहीं रख पाएंगे शव, स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी ने निभाया वादा 3

गरीबों के दर्द पर इरफान अंसारी ने लगाया मरहम


स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी ने कहा कि वह मंत्री बाद में हैं. पहले एक डॉक्टर हैं. एक डॉक्टर होने के नाते मरीजों और उनके परिजनों के दु:ख-दर्द और पीड़ा को भलीभांति समझते हैं. अपनी आंखों से उन्होंने देखा है कि किस तरह अस्पताल शव को पैसे के अभाव में रोक लेते थे और परिवार लाचार-बेबस होकर अस्पतालों के दरवाजे पर बिलखता रहता था. तभी उन्होंने ठान लिया था कि अगर कभी ऐसी जवाबदेही मिलेगी, तो वे सबसे पहले उन परिवारों को राहत देंगे जो आर्थिक तंगी के कारण अपनों का अंतिम संस्कार तक नहीं कर पाते.

हेमंत सोरेन की दूरदर्शी सोच को बढ़ा रहे हैं आगे-इरफान अंसारी


स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी ने कहा कि सीएम हेमंत सोरेन का आभार और धन्यवाद, जिनकी दूरदर्शी सोच और जनहितकारी नेतृत्व के कारण आज वह स्वास्थ्य मंत्री के रूप में उनके विजन को आगे बढ़ा रहे हैं. राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था में व्यापक बदलाव आया है और आने वाले दिनों में और भी क्रांतिकारी परिवर्तन देखने को मिलेंगे. यह निर्णय केवल एक आदेश नहीं, बल्कि एक मानवीय पहल है, जो संवेदना, सहानुभूति और न्याय की बुनियाद पर आधारित है. यह कदम झारखंड में एक नई स्वास्थ्य व्यवस्था की नींव रख रहा है, जहां इंसानियत सबसे ऊपर है.

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