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बड़गाईं जमीन का एक हिस्सा फर्जी दस्तावेज के सहारे गैरआदिवासियों के बेचा गया : इडी

बड़गाईं की 8.86 एकड़ जमीन में से 1.16 एकड़ जमीन गैरआदिवासियों के बेच दी गयी थी.

बड़गाईं की 8.86 एकड़ जमीन में से 1.16 एकड़ जमीन गैरआदिवासियों के बेच दी गयी थी. इसके लिए सद्दाम-अफसर गिरोह ने फर्जी दस्तावेज तैयार किये थे. कपड़ा व्यापारी इरशाद अख्तर जालसाज गिरोह को कोलकाता के रजिस्ट्री कार्यालय से दस्तावेज लाकर देता था. इस जमीन की खरीद-बिक्री में अंतु तिर्की ने सद्दाम से पैसे लिये थे. मंगलवार देर रात गिरफ्तार किये गये अभियुक्तों को पीएमएलए कोर्ट में पेश करने के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (इडी) की ओर से कोर्ट को यह जानकारी दी गयी. कोर्ट में पेशी के साथ ही इडी ने पूछताछ के लिए अभियुक्तों को सात दिनों की रिमांड पर देने का अनुरोध किया. कोर्ट ने रिमांड के बिंदु पर सुनवाई के लिए 18 अप्रैल की तिथि निर्धारित की है. बड़गाईं जमीन मामले में इडी ने मंगलवार देर रात झामुमो नेता अंतु तिर्की, जमीन कारोबारी प्रियरंजन सहाय, ठेकेदार बिपिन सिंह व कपड़ा व्यवसायी इरशाद अख्तर को गिरफ्तार किया और बुधवार को कोर्ट में पेश किया. इडी ने कोर्ट को बताया कि बड़गाईं अंचल में 8.86 एकड़ जमीन में कुल 12 प्लॉट हैं. सरकारी दस्तावेज के हिसाब से सभी प्लॉटों में शामिल जमीन ‘भुइंहरी’ है. इन 12 प्लॉटों में से सद्दाम-अफसर गिरोह ने दो प्लॉटों के फर्जी दस्तावेज तैयार किये. वर्ष 2023 में सद्दाम के घर पर छापेमारी के दौरान दो सेल डीड और लेन-देन के ब्योरे से संबंधित एक डायरी मिली थी. सद्दाम के घर से जब्त दोनों सेल डीड को कोलकाता के रजिस्ट्री कार्यालय में रखे गये जमीन के मूल दस्तावेज में छेड़छाड़ कर बनाया गया था. सद्दाम के घर से जब्त वर्ष 1974 के सेल डीड नंबर-3954 और वर्ष 1940 के सेल डीड नंबर-2376 में गिरोह के सदस्यों को जमीन का मालिक बनाया गया था. इन दोनों सेल डीड में 6.34 एकड़ जमीन शामिल थी. जांच में पाया गया कि 8.86 एकड़ जमीन के 12 प्लॉटों में से दो प्लॉट (प्लॉट नंबर-989 की 84 डिसमिल और प्लॉट नंबर-966 की 32 डिसमिल) में निहित जमीन सद्दाम के घर से जब्त फर्जी सेल डीड में शामिल था. जालसाजी कर इस जमीन को गैरआदिवासियों को बेच दिया गया था. खाता नंबर-234 के प्लॉट नंबर-989 की जमीन भरत राम, सुधीर जायसवाल, अनिल जायसवाल को बेची गयी थी. प्लॉट नंबर-996 की जमीन उमाशंकर जायसवाल को बेची गयी थी. जालसाजी कर इस जमीन की खरीद-बिक्री में सद्दाम, अफसर, प्रियरंजन, अंतु, भानु, बिपिन और इरशाद शामिल थे. भानु के घर से मिली डायरी में अंतु को पैसा देने का ब्योरा दर्ज है. जालसाजी कर जमीन के कारोबार में विवाद होने पर प्रियरंजन सहाय सद्दाम-अफसर के गिरोह से अलग हो गया. बड़गाईं जमीन मामले में ही पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को इडी ने गिरफ्तार किया है.

अली ने तैयार की फर्जी डीड :

जांच में यह भी पाया गया कि जालसाजों के इस गिरोह ने बड़गाईं अंचल के खाता नंबर-53 में शामिल 37.10 एकड़ जमीन में से 4.83 एकड़ जमीन का फर्जी दस्तावेज तैयार किया. इसे 1974 के फर्जी सेल डीड नंबर-3954 और 1940 के डीड नंबर-2376 में शामिल किया गया. मौजा गाड़ी से संबंधित इस जमीन की फर्जी डीड तैयार करने के बाद सद्दाम ने व्हाट्सएप पर इसकी सूचना प्रियरंजन सहाय को दी. फर्जी डीड तैयार करने के लिए इरशाद ने कोलकाता को पियरलेस इन होटल में कोलकाता के रजिस्ट्री कार्यालय से दस्तावेज उपलब्ध कराया. अफसर अली ने इस होटल में बैठ कर कोलकाता के रजिस्ट्री कार्यालय से लाये दस्तावेज में छेड़छाड़ कर फर्जी डीड तैयार की. इसके बाद बिपिन के सहयोग से अंचल कार्यालय के दस्तावेज में इसकी इंट्री करायी गयी. इस पूरे प्रकरण में शेखर कुशवाहा ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है.

सद्दाम-अफसर गिरोह से पैसे लिये अंतु तिर्की ने :

झामुमो नेता अंतु तिर्की भी फर्जी दस्तावेज के आधार पर जमीन का कारोबार करता था. साथ ही सद्दाम-अफसर गिरोह द्वारा की गयी खरीद-बिक्री के मामले में उससे पैसा लेता था. जांच-पड़ताल के दौरान सद्दाम की डायरी में अंतु तिर्की को पैसा देने का उल्लेख था. सद्दाम के बैंक खातों से भी अंतु के खाते में पैसा ट्रांसफर किया गया है. इससे इस गिरोह के साथ अंतु का संबंध प्रमाणित होता है.

ऐसे पकड़ा गया इरशाद :

इरशाद कपड़ा व्यापारी है. कोलकाता रजिस्ट्री कार्यालय के अफसरों के साथ उसके मधुर संबंध थे. वह कोलकाता रजिस्ट्री कार्यालय से जमीन के पुराना दस्तावेज निकाल कर होटल में लाता था. इसके बाद सद्दाम, अफसर अली व गिरोह के अन्य सदस्य इसमें बदलाव कर फर्जी डीड तैयार करते थे. इसमें मनपसंद लोगों के जमीन का मालिक बनाया जाता था. इसके बाद उस जमीन को बेचा जाता था. इरशाद की तलाश में इडी की टीम मंगलवार को उसके बरियातू स्थित कपड़े की दुकान पर पहुंची. इडी के अधिकारियों ने विशेष आयोजन के लिए 40-50 थान कपड़े की जरूरत बतायी और दुकान के मालिक से मिलने की इच्छा जतायी. दुकान में बड़े ग्राहकों के होने की सूचना पर इरशाद दुकान पहुंचा. इसके बाद इडी के अधिकारी उसे अपने साथ रांची स्थित कार्यालय ले गये और लंबी पूछताछ के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया.

बिपिन सिंह ने फर्जी दस्तावेज की इंट्री करायी :

बिपिन सिंह का मुख्य काम फर्जी दस्तावेज के आधार पर जमीन की खरीद-बिक्री करनेवालों की प्रशासनिक मदद करना था. अंचल कार्यालय के कर्मचारियों के साथ उसके मधुर संबंध हैं. वह इसका इस्तेमाल कोलकाता में तैयार किये गये फर्जी दस्तावेज के आधार पर अंचल कार्यालय के दस्तावेज में जालसाजी करने में करता था. उसके इशारे में अंचल कार्यालय में कोलकाता के रजिस्ट्री कार्यालय में जालसाजी कर तैयार की गयी सेल डीड के आधार पर रजिस्टर-2 में इंट्री की जाती थी और लगान रसीद जारी की जाती थी. इसके बदले में वह जालसाज गिरोह से पैसे लेता था.

विवाद के बाद सद्दाम ने दूसरी डीड बना कर प्रियरंजन को अपनी ताकत बतायी :

प्रियरंजन सहाय भी फर्जी दस्तावेज के आधार पर जमीन का कारोबार करता था. पहले वह सद्दाम-अफसर अली गिरोह का सदस्य था. बड़गाईं अंचल की 6.34 एकड़ जमीन के मामले में आपसी विवाद होने पर प्रियरंजन ने अपना अलग गिरोह तैयार कर लिया था. सद्दाम-अफसर गिरोह ने बड़गाईं की जमीन का एक फर्जी दस्तावेज तैयार किया था. इसमें यह दिखाया गया था कि 1974 में जमीन के मालिक ने गिरोह के मनपसंद व्यक्ति को जमीन बेची थी. यह फर्जी डीड प्रियरंजन को दी गयी थी. लेकिन, उसने इसकी खरीद-बिक्री में बेईमानी की. इसके बाद सद्दाम-अफसर गिरोह ने एक दूसरी फर्जी सेल डीड तैयार की. इसमें यह दिखाया गया कि 1940 में जमीन मालिक के दादा ने अपने ही जीवन काल में गिरोह के एक मनपसंद व्यक्ति को बेच दी थी.

गिरफ्तार झामुमो नेता सहित चार को भेजा गया जेल :

गिरफ्तार किये गये झामुमो नेता अंतु तिर्की, ठेकेदार बिपिन सिंह, जमीन कारोबारी प्रियरंजन सहाय और इरशाद को इडी ने बुधवार को विशेष न्यायाधीश की आवासीय अदालत में पेश किया गया. पेशी के बाद अदालत ने अभियुक्तों को जेल भेज दिया. इनकी रिमांड पर सुनवाई गुरुवार को होगी.

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