रांची.
औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में दो साल पहले फिजियोथेरेपी टेक्नीशियन ट्रेड की पढ़ाई शुरू की गयी थी. मौजूदा समय की मांग को देखते हुए विभाग ने इसका निर्णय लिया था. इसका उद्देश्य था कि युवाओं को इस ट्रेड में निपुण किया जायेगा, जिससे उन्हें अस्पतालों में आसानी से रोजगार मिल सकेगा. वहीं, युवा खुद भी यह काम शुरू कर सकेंगे. यह ट्रेड हेहल आइटीआइ में चालू किया गया. इसमें विद्यार्थियों का दाखिला भी हुआ और ट्रेनिंग पाकर भी निकले. लेकिन, इसके लिए प्रशिक्षक की बहाली नहीं की गयी थी, बल्कि उन्हें एडहॉक पर रखा गया था. बाद में उन्हें हटा दिया गया. ऐसे में इस साल भी इस ट्रेड में दाखिला तो हुआ है, पर उन्हें ट्रेनिंग देनेवाला कोई नहीं है. ऐसे में उनके प्रशिक्षण का कार्य नहीं चल सकेगा.वॉच मेकर ट्रेड बंद, भवन भी हुआ ध्वस्त
नये विषयों में युवाओं को प्रशिक्षित करने के क्रम में हेहल आइटीआइ में वॉच मेकर ट्रेड शुरू किया गया था. इसमें युवाओं को घड़ी बनाने के सारे गूढ़ सिखाये गये. विद्यार्थियों के कई बैच निकले भी. बाद में इसमें प्रशिक्षण नहीं होने के कारण इस ट्रेड को बंद कर दिया गया. वॉच मेकर ट्रेड के लिए आइटीआइ परिसर में भवन का निर्माण हो रहा था. इसका काफी काम हो गया था. बिल्कुल आइटीआइ बस स्टैंड से सटे इसे बनाया जा रहा था. इसकी ढलाई नहीं हो सकी था. इस बीच यह ट्रेड भी बंद हो गया और बाद में भवन को भी ध्वस्त कर दिया गया.
एआइ व ड्रोन की ट्रेनिंग दिलाने की पहल
इधर, श्रम, नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग के मंत्री संजय प्रसाद यादव ने युवाओं को नये ट्रेड की ट्रेनिंग दिलाने की दिशा में पहल शुरू की है. उन्होंने विभाग को स्पष्ट किया है कि युवाओं को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) व ड्रोन से संबंधित ट्रेनिंग दी जाये, ताकि वे आगे बढ़ सकें. उन्हें नये तरह के रोजगार मिल सके.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है