रांची. डीएसपीएमयू में बुधवार को सिंडिकेट की बैठक में फाइनेंस एंड एकाउंट मैनेजमेंट एक्ट को स्वीकृति दी गयी. इस बारे में सरकार द्वारा नियमों की प्रति विवि को भेजी गयी थी, जिसके तहत एक्ट बनाकर विभाग को भेजने का निर्देश दिया गया था. वहीं, विवि के रजिस्ट्रार व कंट्रोलर का कार्यकाल बढ़ाने को लेकर कोई निर्णय नहीं हो सका. बताया गया कि इसे लेकर कोई एजेंडा सिंडिकेट में नहीं लाया गया. वहीं विवि के शिक्षकेतर कर्मियों के एसीपी व एमएसीपी मामलों से संबंधित एजेंडे पर चर्चा की गयी.
एसीपी व एमएसीपी का लाभ दिया जायेगा
इसमें निर्णय लिया गया कि विवि में जो कर्मचारी वर्तमान में कार्यरत हैं, उन्हें आंतरिक सोर्स से एसीपी व एमएसीपी का लाभ दिया जायेगा.सिंडिकेट की बैठक की अध्यक्षता विवि के कुलपति डॉ तपन कुमार शांडिल्य ने की. बैठक में बतौर सिंडिकेट सदस्य राजभवन के प्रतिनिधि डीके सिंह, फाइनेंस अफसर आनंद कुमार मिश्रा, कुलसचिव डॉ नमिता सिंह, सदस्य के तौर पर डॉ एस कुमार,डॉ जींदर सिंह मुंडा व डॉ राजेश कुमार सिंह मौजूद थे. वहीं, बैठक में राजभवन के प्रतिनिधि के रूप में डॉ डीके सिंह भी शामिल हुए, वह बैठक में ऑनलाइन शामिल हुए.
आदिवासी छात्र संघ ने कुलपति को सौंपा ज्ञापन
आदिवासी छात्र संघ ने डीएसपीएमयू के कुलपति डॉ तपन कुमार शांडिल्य को ज्ञापन सौंपा. इसके माध्यम से संघ के सदस्यों ने बताया कि विवि की कुलसचिव डॉ नमिता सिंह पर वित्तीय गड़बड़ी का आरोप लगा है और वह विवि की डीएसडब्ल्यू के पद पर रह चुकी हैं. इस कारण सेवा विस्तार नहीं देकर उन्हें पठन-पाठन के कार्य पर लगाया जाये. संघ के सदस्यों ने विवि को चेतावनी भी दी है कि अगर उनका कार्यकाल बढ़ाया गया, तो तालाबंदी की जायेगी.
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