रांची. बंद समर्थकों ने रांची के अलग-अलग इलाकों में जाकर दुकानें बंद करायी. साथ ही सड़कों पर टायर भी जलाये. इस दौरान समर्थकों ने आवश्यक सेवाओं को भी नहीं छोड़ा. दूध वाले वाहनों को भी एक जगह से दूसरी जगहों पर जाने नहीं दिया. उन्हें लौटा दिया. इस कारण शहर के अलग-अलग इलाकों से डेयरी में चलने वाली गाड़ियां प्लांट तक नहीं पहुंच पायी. दुकानों और डेयरी बूथों तक दूध और दूध से बने उत्पादों की सप्लाई शाम में पूरी तरह से प्रभावित हो गयी. खास कर हिनू, डोरंडा, धुर्वा, रातू रोड, मेन रोड सहित कई इलाकों में सप्लाई नहीं हो पायी. स्थिति यह थी कि दूध वाले वाहन चालक बंद समर्थकों से कई बार आग्रह करते रहे, लेकिन उनकी नहीं सुनी गयी. बंद समर्थकों ने अलग-अलग इलाकों के पेट्रोल पंपों को भी नहीं छोड़ा. उन्होंने पेट्रोल पंपों को भी बंद करा दिया. यही नहीं, कई जगहों पर एंबुलेंस को भी नहीं जाने दिया गया. हाथ में डॉक्टर का पुर्जा होने के बाद भी कई जगहों पर रोक दिया गया. बंद के कारण अपर बाजार, पंडरा, पिस्का मोड़, मेन रोड, कोकर, लालपुर, हिनू, धुर्वा, डोरंडा, बूटी मोड़, बरियातू सहित कई इलाकों की हर प्रकार की दुकानें बंद रही. पंडरा बाजार में शनिवार को थोक मंडी भी नहीं खुली. ……… ऑटो व मोटरसाइकिल चालकों ने लिया मनमाना किराया आदिवासी संगठनों के बंद के कारण हिनू चौक से एयरपोर्ट जान का रास्ता बंद कर दिया गया था. इसका फायदा ऑटो व मोटरसाइकिल चालकों ने जमकर उठाया. एयरपोर्ट रोड में पैदल जा रहे यात्रियों से ऑटो चालकों ने पांच सौ मीटर के लिए 500 रुपये व मोटरसाइकिल चालकों ने 100 रुपये चार्ज वसूला. ………….. खुला रहा सचिवालय, ऑफिस पहुंचे में कर्मियों को हुई दिक्कत रांची. झारखंड सचिवालय और उससे जुड़े कार्यालय शनिवार को भी खुले रहे. विधानसभा सत्र के मद्देनजर सारे कार्यालय खोले गये थे. रांची बंद के दौरान यहां के कर्मचारियों व अधिकारियों को दफ्तर पहुंचने में बहुत परेशानी हुई. शहर के अलग-अलग हिस्सों में रहनेवाले इन कर्मियों को काफी घूम कर सचिवालय पहुंचना पड़ा. कई कर्मचारी व अधिकारी काफी देर से दफ्तर पहुंचे. ……….. मौके का युवाओं ने उठाया फायदा, कर रहे थे वसूली कांके रोड में सीएमपीडीआइ के पास आदिवासी संगठनों ने सड़क जाम कर दिया था. इस दौरान वहां से बांये एक रास्ता हातमा बस्ती होते हुए सिद्धो-कान्हू पार्क के पास निकलता है. मोटरसाइकिल सवार सैकड़ों लोग इसी रास्ते का उपयोग कर रहे थे. लेकिन हातमा बस्ती में ही कुछ युवाओं ने बांस लगाकर रास्ता बंद कर दिया था. वे 10-10 रुपये लेकर लोगों को जाने दे रहे थे. उनका कहना था कि यह पैसा धार्मिक आयोजन के जुलूस में लगाया जायेगा. वहां पर एक भी पुलिसवाले दिखाई नहीं पड़े.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है