देवघर में शिव बारात पर झारखंड हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. देवघर के उपायुक्त को निर्देश दिया गया है कि वह स्थिति स्पष्ट करें. शुक्रवार को झारखंड हाईकोर्ट ने देवघर के उपायुक्त से कहा कि प्रिंट मीडिया से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया तक में उसका प्रचार-प्रसार करें. साथ ही कोर्ट ने कहा है कि महाशिवरात्रि पर निकलने वाले शिव बारात के दौरान प्रशासन की ओर से लगायी गयी धारा 144 आम लोगों पर लागू नहीं होगी. हालांकि, प्रशासन ने जो रूट तय किया है, उसी रूट से शिव बारात निकलेगी. डॉ निशिकांत दुबे के वकील प्रशांत पल्लव ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि प्रशासन के पास इंटेलिजेंस इनपुट है कि जिस रूट से शिव बारात निकलती रही है, उस रूट पर कुछ गड़बड़ी हो सकती है. इसलिए रूट में बदलाव किया गया है.
शिव बारात संचालन समिति करेगा बैठक
महाशिवरात्रि महोत्सव समिति (Maha Shivratri Mahotsav Samiti) के अध्यक्ष अभिषेक आनंद झा ने कहा कि झारखंड हाईकोर्ट (Jharkhand High Court) का फैसला आने के बाद शिव बरात संचालन समिति की बैठक होगी और आगे की रणनीति पर विचार किया जायेगा. अध्यक्ष ने कहा कि समिति चाहती है कि बरात का संचालन बेहतर तरीके से हो और अधिक से अधिक लोग बरात देख पायें, कहीं भी भगदड़ की स्थिति नहीं हो.
प्रशासन से आदेश वापस लेने का आग्रह
श्री झा ने कहा कि समिति जिला प्रशासन से आग्रह करती है कि भगवान शिव के लिए अपना आदेश वापस लें, क्योंकि यह किसी पार्टी विशेष का आयोजन नहीं है. यह लाखों शिवभक्तों की आस्था का सवाल है. प्रशासन के अधिकारी यदि भगवान शिव पर आस्था रखते हैं, तो अपने फैसले पर पुनर्विचार करें और समिति को बरात संचालन में सकारात्मक सहयोग करें.
आज से तैनात रहेंगे 2200 से अधिक पुलिसकर्मी
महाशिवरात्रि पर बाबा मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ने की संभावना है. इसलिए सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किये गये हैं. भीड़ को नियंत्रित करने व सुलभ जलार्पण के लिए 17 फरवरी को आधी रात के बाद से 19 फरवरी की सुबह तक 2200 से ज्यादा पुलिसकर्मियों की प्रतिनियुक्ति की गयी है. इनमें 250 से अधिक पुलिस पदाधिकारियों के अलावा 1,600 पुरुष लाठी बल व लगभग 200 महिला लाठी बल तैनात रहेंगे. शिवगंगा परिसर के आसपास एनडीआरएफ की टीम भी मुस्तैद रहेगी.
यातायात व्यवस्था में लगाये गये 100 पुलिसकर्मी
यातायात व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए भी पदाधिकारियों व पुलिसकर्मियों को सजग रहने के निर्देश दिये गये हैं. 100 अतिरिक्त जवानों की ड्यूटी लगायी गयी है. डीएसपी स्तर के पुलिस पदाधिकारी की शिवराम झा चौक से बीएड कॉलेज तक, डीएसपी बैद्यनाथ प्रसाद शिवराम झा चौक से मानसिंघी, नेहरू पार्क में बाबा मंदिर के वरीय पदाधिकारी तैनात रहेंगे. इस अवसर पर संपूर्ण विधि व्यवस्था के वरीय प्रभार में अनुमंडल पदाधिकारी दीपांकर चौधरी व सदर एसडीपीओ पवन कुमार रहेंगे.
...तो क्या कतार में खड़े होने वालों को भी जाना होगा जेल
इससे पहले डॉ निशिकांत दुबे ने पूछा था कि क्या जलार्पण के लिए कतार में खड़े होने वाले भक्तों को भी जेल जाना होगा. पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि बाबा की नगरी में बाबा की बारात नहीं निकलेगी तो कहां निकलेगी? झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार के इशारे पर उपायुक्त लगातार बारात को रोकने में लगे हैं. महाशिवरात्रि पर धारा 144 लगाना सरकार की मंशा को दर्शाता है.
144 में चार से अधिक लोगों का जमा होना कानून का उल्लंघन
सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि धारा 144 में चार से अधिक लोगों का एक जगह जमा होना प्रतिबंधित है. ऐसे में शिवरात्रि के दिन जलार्पण के लिए भक्तों की लंबी कतार लगेगी, जो कानून का उल्लंघन होगा, तो क्या जलार्पण करने वाले को जेल जाना होगा. उन्होंने कहा कि यह बाबा की नगरी है. बाबा यहां जो चाहेंगे वही होगा. कोर्ट गये हैं तथा बाबा की कृपा से फैसला भी आयेगा.
बैरिकेडिंग कर शिव बरात में बाधा डालने की तैयारी कर रहा प्रशासन
डॉ दुबे गुरुवार को शिव बरात की तैयारी की मॉनिटरिंग करने में जुटे थे. सुबह में उन्होंने शिव बरात में शामिल होने के लिए दिये जा रहे आमंत्रण की समीक्षा की. वहीं शाम में महेशमारा स्थित समाजसेवी सुनील खवाड़े के आवास में शिवरात्रि महोत्सव समिति के मुख्य लोगों के साथ बैठक कर बारात को पूरी तरह व्यवस्थित करने पर कई निर्णय लिये. कहा कि जगह-जगह बेरिकेडिंग कर प्रशासन बारात में बाधा डालने की तैयारी कर रहा है. बावजूद इसके देवघर के वासी व शिव भक्तों की आस्था से बारात सफल होगी.
शिवरात्रि पर धारा 144 लगाना अनुचित : आजसू जिलाध्यक्ष
उधर, देवघर के आजसू जिलाध्यक्ष आदर्श लक्ष्य ने शिवरात्रि के दिन देवघर अनुमंडल क्षेत्र में धारा 144 लगाने को अनुचित बताया है. कहा है कि सभी प्रखंडों समेत अन्य जिला व दूसरे राज्यों से भी लोग पूजा अर्चना करने, शिव बारात देखने आते हैं. ऐसे में धार्मिक स्थल में धारा 144 लगाना न्यायसंगत नहीं है. आदर्श ने इस आदेश को वापस लेने व शीघ्रदर्शनम कूपन की दर 500 से घटाकर 250 रुपये करने का आग्रह किया है.