East Tech 2025: राजधानी रांची के खेलगांव स्थित टाना भगत इंडोर स्टेडियम में आज शुक्रवार को तीन दिवसीय ईस्ट टेक सिम्पोजियम (डिफेंस एक्सपो) का भव्य शुभारंभ हुआ. ईस्ट टेक 2025 के उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि झारखंड सरकार रक्षा क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाने के लिए केंद्र के साथ पूरा सहयोग करने को तैयार है. साथ ही उन्होंने कहा कि यूरेनियम से संपन्न झारखंड परमाणु हथियार निर्माण में योगदान दे सकता है.
राज्य में यूरेनियम की बहुतायत
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य में यूरेनियम की बहुतायत है और परमाणु हथियारों के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है. डिफेन्स ईस्ट टेक प्रदर्शनी को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लिए केंद्र के साथ पूरा सहयोग करने को तैयार है. सोरेन ने कहा, “झारखंड यूरेनियम से समृद्ध है और परमाणु हथियार निर्माण में योगदान दे सकता है. राज्य सरकार रक्षा क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाने के लिए केंद्र के साथ पूरा सहयोग करने को तैयार है.”

HEC पर बोले सीएम
सीएम ने कहा शायद बहुत कम लोगों को पता होगा, उद्योग लगाने की जो मदर फैक्ट्री है, वो हमारे ही राज्य झारखंड में है, जिसको हम HEC कहते हैं. आपको बताना चाहेंगे कि शायद देश में जो सेंसेटिव एरिया है, जो चिन्हित किये गए है, उनमें से हमारे राज्य में स्थापित HEC इंडस्ट्री भी है. HEC, स्टेटलाइट के लिए भी काम आता है और परमाणु जैसे चीजों के लिए भी कंपोनेंट बनाते आ रहा है. लेकिन आज HEC हाशिए पर है. इस क्षेत्र में कई ऐसी चीजें बनी है जो इस देश के लिए मील का पत्थर साबित हुई है. इस राज्य ने देश को बहुत कुछ दिया है, इतना की अंदाजा भी नहीं लगा सकते हैं. आज नए उद्योगों के बढ़ावा देने का प्रयास हो रहा है. निश्चित रूप से हमलोग इसको मिलकर आगे बढ़ाने का काम करेंगे.
हथियारों का रणनीतिक चयन सर्वोपरि- सीडीएस
ईस्ट टेक 2025 में CDS जनरल अनिल चौहान ने कहा कि अंतरिक्ष और साइबर युद्ध के लिए उपकरणों के विकास हेतु नीतिगत पहल की जा रही हैं. संगोष्ठी को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हथियारों का रणनीतिक चयन सर्वोपरि है और आधुनिक आवश्यकताओं के अनुरूप अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी) की समीक्षा की जानी चाहिए. उन्होंने कहा, “रक्षा विनिर्माण आधार का विस्तार करने की आवश्यकता है, और कृत्रिम बुद्धिमत्ता तथा अन्य आधुनिक तकनीकों का पता लगाना होगा.”
रक्षा विनिर्माण का स्वदेशीकरण सही रास्ते पर
जनरल चौहान ने कहा कि भारत में रक्षा विनिर्माण का स्वदेशीकरण देर से शुरू हुआ, लेकिन देश सही रास्ते पर है. केंद्र की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति और रक्षा में आत्मनिर्भरता के उद्देश्यों को झारखंड और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों की सक्रिय भागीदारी से साकार किया जा सकता है. उन्होंने कहा, ‘युद्ध विज्ञान है, युद्ध कला है. वर्तमान संदर्भ में एक योद्धा को रचनात्मक होने की आवश्यकता है.
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