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रांची : सदर अस्पताल में वार्मर में जलकर बच्चे की हुई थी मौत, लेकिन अब तक नहीं हुई कार्रवाई

सदर अस्पताल में निराली टोप्पो ने 13 फरवरी की रात 8.15 बजे बेटे को जन्म दिया था. रात 9.14 बजे डॉक्टर राउंड में गये.

रांची : सदर अस्पताल के एसएनसीयू (स्पेशल न्यू बोर्न केयर यूनिट) वार्ड में वार्मर से नवजात की मौत के मामले में स्वास्थ्य विभाग अंजान बना हुआ है. 29 दिन पहले घटी इस घटना की लिखित शिकायत सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ एके खेतान से की गयी थी. लेकिन, उन्होंने मामले में कोई कार्रवाई नहीं की. मामले में दोषी डॉक्टर और कर्मचारियों को बचाने की कवायद चल रही है. यही वजह है कि इतने दिनों बाद भी नवजात की मौत की जांच रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की जा सकी है. इधर, डॉ एके खेतान को प्रोन्नति देते हुए उन्हें रांची एसीएमओ का पदभार सौंपा गया है.इधर, रांची निवासी नवजात की मां निराली टोप्पो और पिता आनंद मसीह लकड़ा न्याय की उम्मीद में बुधवार को दोबारा सदर अस्पताल पहुंचे और चिकित्सा पदाधिकारियों से मिल कर मामले में न्याय की गुहार लगायी. इस पर चिकित्सा पदाधिकारियों ने कहा कि मामले की जांच कर कार्रवाई की जायेगी. इस दौरान कहीं से न्याय नहीं मिलता देख बच्चे के माता-पिता फूट-फूट कर रोने लगे.

13 फरवरी की रात 8.15 बजे हुआ था जन्म, सुबह रिम्स रेफर किया

सदर अस्पताल में निराली टोप्पो ने 13 फरवरी की रात 8.15 बजे बेटे को जन्म दिया था. रात 9.14 बजे डॉक्टर राउंड में गये. इसके बाद चिकित्सक की सलाह पर नवजात को एसएनसीयू वार्ड के बेबी वार्मर में भर्ती कराया गया. नवजात के पिता का कहना है कि रात को बच्चा सामान्य था. वहीं, 14 फरवरी की सुबह पांच बजे बच्चे की स्थिति खराब होने की बात कह एंबुलेंस बुलायी गयी. ऑक्सीजन सपोर्ट देकर रेफर का कागज थमाते हुए रिम्स ले जाने को कहा गया. इस दौरान नवजात के चेहरे को छोड़ शरीर के बाकी हिस्से को सफेद कपड़े में लपेटा गया था.

रिम्स के डॉक्टरों ने नवजात को बताया मृत

रिम्स पहुंचने पर पीडियाट्रिक के डॉक्टरों ने बताया कि नवजात तो पहले से ही मृत है. परीक्षण के बाद डाॅक्टरों ने बताया कि देर रात ही किसी वक्त उसकी मौत हो चुकी है. बाद में जब परिजनों ने कपड़ा हटाया तो नवजात की छाती की चमड़ी जली हुई थी. इसके बाद परिजनों ने ड्यूटी डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मियों पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए सदर अस्पताल में हंगामा किया. साथ ही वरीय पदाधिकारियों से लिखित शिकायत की. लेकिन, किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गयी.

क्या कहा सिविल सर्जन ने

मामला बहुत गंभीर है. मुझे तत्कालीन उपाधीक्षक ने घटना से संबंधित शिकायत की कोई जानकारी नहीं दी. बुधवार को अनगड़ा के दौरे के क्रम में मुझे फोन पर इस बारे में बताया गया. जहां तक मुझे जानकारी है, नवजात का पोस्टमार्टम नहीं किया गया था. इतने दिन बीत जाने के बाद वर्वल ऑटोप्सी और प्रकरण की जल्द जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा जायेगा. पांच सदस्यीय निष्पक्ष बोर्ड का गठन किया जायेगा. जांच रिपोर्ट आने पर दोषी डॉक्टरों व कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी.

डॉ प्रभात कुमार, सिविल सर्जन, रांची

Prabhat Khabar Digital Desk
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