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BHU Nursing Officer Letter to PM Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से एक महिला नर्सिंग ऑफिसर ने करुण पुकार की है. उन्होंने भावुक कर देने वाला एक खत लिखा है, जिसमें देश में काम कर रहे नर्सिंग स्टाफ की भलाई के लिए कुछ काम करने की अपील की गयी है. चिट्ठी में कहा गया है कि प्रधानमंत्री जी, आप इतिहास रचिए. इसे पीढ़ियों तक याद किया जायेगा.
बच्चों के लालन-पालन की चिंता में फैमिली प्लानिंग नहीं कर रहे नर्सिंग स्टाफ
देश भर के एम्स में काम करने वाले नर्सिंग स्टाफ में कई दंपती हैं. पति कहीं पोस्टेड है और पत्नी की कहीं पोस्टिंग हो रखी है. दोनों पैसे तो कमाते हैं, लेकिन पारिवारिक सुख इन्हें नहीं मिलता. कई ऐसे दंपती हैं, जो फैमिली प्लानिंग के बारे में नहीं सोच पा रहे हैं, क्योंकि उन्हें चिंता है कि अगर उनके बच्चे हुए, तो वह कैसे पलेंगे-बढ़ेंगे.
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नर्सिंग स्टाफ की मांग- दंपती को साथ रहने का मौका मिले
देश में महिलाओं को आगे बढ़ने का मौका तो मिल रहा है, लेकिन उनके परिवार कैसे चलेंगे, इस पर कोई उचित विचार-विमर्श नहीं हो रहा है. नर्सिंग स्टाफ यूनियन ने स्वास्थ्य मंत्रालय से मांग की है कि देश के अलग-अलग कोने में काम कर रहे पति-पत्नी (नर्सिंग स्टाफ्स) को ट्रांसफर करके एक शहर में रहने का अवसर दिया जायेगा.
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स्पाउजल ट्रांसफर पॉलिसी की मांग कर रहे नर्सिंग स्टाफ
स्वास्थ्य मंत्रालय ने उनकी बातों को गंभीरता से सुना. स्वीकार किया कि यह एक बड़ी समस्या है, जिसका समाधान होना चाहिए. बावजूद इसके अधिकारी स्पाउजल ट्रांसफर पॉलिसी पर कोई काम करने के लिए तैयार नहीं हैं. मामला कोर्ट में भी विचाराधीन है. जल्द ही इस केस की सुनवाई मुंबई हाईकोर्ट में होगी. इस बीच, एक महिला नर्सिंग ऑफिसर ने अपना दर्द बयां करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है.
BHU Nursing Officer ने क्या लिखा है चिट्ठी में?
उत्तर प्रदेश के बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की नर्सिंग ऑफिसर ने प्रधानमंत्री को जो खत लिखा है, वो इस प्रकार है-
प्रिय मोदीजी,
मैं और मेरे पति दोनों हेल्थकेयर प्रोफेशनल हैं. दोनों एक-दूसरे से 850 किलोमीटर दूर तैनात हैं. घर और नौकरी को संभालना बेहद मुश्किल हो गया है. हमारे बच्चे रोते हैं. घर सूना रहता है. क्या हमारी देश सेवा का यही इनाम है.
कृपया सभी संस्थानों में ‘स्वास्थ्यकर्मियों के लिए जीनसाथी आधारित स्थानांतरण नीति’ लागू करें. यह नीति परिवारों को जोड़ेगी, बच्चों को प्यार देगी और हमें कर्तव्य के लिए ताकत.
गरीबों और किसानों के बाद अब इन सफेद कोटधारियों (स्वास्थ्यकर्मियों) के टूटे परिवारों को जोड़कर आप एक या इतिहास रचें, जो पीढ़ियों तक याद किया जायेगा.
सम्मान और प्रार्थना के साथ,
नर्सिंग ऑफिसर, बीएचयू
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