रांची. स्कूल रूआर 2025 यानी बैक टू स्कूल कैंपेन का बुधवार को जिला स्कूल में आगाज हुआ. इसका उद्देश्य पांच से 18 वर्ष आयु वर्ग के सभी बच्चों की विद्यालय में शत-प्रतिशत उपस्थिति, नामांकन, ठहराव और उच्च कक्षाओं में ट्रांजिशन सुनिश्चित करना है. इस मौके पर डीसी मंजूनाथ भजंत्री ने कहा कि जिले में बेहतर और गुणात्मक शिक्षा के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं. इस कार्यक्रम में शिक्षक एवं जन प्रतिनिधि की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है.
स्कूल रूआर कार्यक्रम एक महत्वपूर्ण पहल
डीसी मंजूनाथ भजंत्री ने कहा कि स्कूल रूआर कार्यक्रम एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसका मुख्य उद्देश्य उन बच्चों को वापस स्कूल लाना है, जो किसी कारणवश शिक्षा से वंचित रह गये हैं या जिन्होंने स्कूल छोड़ दिया है. यह कार्यक्रम बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा में फिर से जोड़ने पर केंद्रित है.
10 मई तक अभियान के रूप में चलेगा कार्यक्रम
उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम जिले में 10 मई तक अभियान के रूप में चलेगा. डीसी ने कहा कि एनइपी के प्रावधानों के अनुसार प्राथमिक कक्षाओं में गतिविधि आधारित शिक्षा लागू करने वाला रांची पहला जिला बना. कार्यकम के दौरान बताया गया कि 2025-26 में जिले के 1003 वैसे बच्चों, जो किसी भी विद्यालय में नामांकित नहीं हैं, उनका नामांकन कराते हुए विद्यालय में ठहराव सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है