Amarnath Yatra : पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद एक ओर जहां पर्यटक अब जम्मू-कश्मीर जाने से घबरा रहें हैं, तो वहीं दूसरी ओर झारखंड के कुछ श्रद्धालु अमरनाथ यात्रा पर जाने के लिए बेहद उत्साहित हैं. बाबा बर्फानी के दर्शन करने जा रहे श्रद्धालुओं का कहना है कि “चाहे कुछ भी हो हम डरने वाले नहीं हैं, हम बाबा के दर्शन करने जरूर जायेंगे”.
सपरिवार अमरनाथ यात्रा को तैयार
राजधानी रांची के रातू रोड निवासी ओमप्रकाश ने कहा कि, हम पिछले 27 वर्षों से अमरनाथ यात्रा कर रहें हैं. इस बार भी पत्नी और बच्चों के साथ बाबा बर्फानी के दर्शन करेंगे. हमारे ग्रुप के साथ अमरनाथ यात्रा की सारी तैयारियां पूरी हो चुकी है. उन्होंने बताया कि वे कई बार बाबा बर्फानी के दर्शन के दौरान आतंकियों का उत्पात देख चुके हैं, लेकिन अब स्थिति पहले से काफी बेहतर हो चुकी है. हर कदम पर श्रद्धालुओं को सीआरपीएफ जवानों की मदद मिलती है.
जोशीले श्रद्धालु करेंगे बाबा बर्फानी के दर्शन
रांची के डोरंडा निवासी रिंकू गुप्ता ने कहा, हम पिछले 15 वर्षों से अमरनाथ यात्रा पर जा रहें हैं. हमारे ग्रुप में शामिल 25-30 श्रद्धालु हर वर्ष पहले दिन ही बाबा बर्फानी के दर्शन करने जाते हैं. इस वर्ष भी हमारा ग्रुप पहले दिन ही बाबा बर्फानी के दर्शन करने जायेगा. उन्होंने कहा बाबा बर्फानी के दर्शन से हमें कोई नहीं रोक सकता है. हम डरने वालों में से नहीं हैं, चाहे कुछ भी हो हम अमरनाथ यात्रा पर जरूर जायेंगे.
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पग-पग पर श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षा के इंतजाम
झारखंड हाईकोर्ट के अधिवक्ता नवीन कुमार सिंह पिछले तीन वर्षों से लगातार अमरनाथ यात्रा पर जा रहें हैं. उन्होंने बताया कि हमारे समूह के 37 सदस्य इस वर्ष भी बाबा बर्फानी के दर्शन करने जायेंगे. कोई आतंकी हमला हमें डरा नहीं सकता है. अधिवक्ता नवीन सिंह ने बताया कि जब 2022 में ग्लेशियर टूटने की घटना हुई थी. उस वक्त गुफा में आरती हो रही थी, जिसमें मैं लीन था. इस दुर्घटना में कई लोगों की जान चली गयी थी. श्रद्धालुओं के लिए पग-पग पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम है.
3 जुलाई से शुरू होगी अमरनाथ यात्रा
इस वर्ष अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से 9 अगस्त तक चलेगी. इसके लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया 14 अप्रैल से शुरू हो चुकी हैं. रजिस्ट्रेशन फीस प्रति व्यक्ति 220 रुपए है. अमरनाथ गुफा तक पहुंचने के लिए मुख्यतः 2 रूट है. इनमें पहला रूट दक्षिण कश्मीर के गांदरबल जिले के बालटाल से शुरू होता है. वहीं दूसरा रूट अनंतनाग जिले के पहलगाम से शुरू होता है. अधिकतर श्रद्धालु दूरी कम होने के कारण पहलगाम के रास्ते से ही अमरनाथ यात्रा करना पसंद करते हैं. यहां से गुफा की दूरी 48 किमी है.
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