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निगरानी की नजर में गढ़वा के डीडीसी फरार, पर कर रहे काम

रांची : निगरानी ब्यूरो के अधिकारियों की नजर में गढ़वा के उप विकास आयुक्त (डीडीसी) उमाशंकर प्रसाद फरार हैं. पूर्व में हजारीबाग में डीटीओ रहे उमाशंकर प्रसाद के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी है. निगरानी की टीम उनके गढ़वा स्थित सरकारी आवास में इश्तेहार का तामिला करा कर उन्हें फरार मान चुकी है. अब उनके घर […]

रांची : निगरानी ब्यूरो के अधिकारियों की नजर में गढ़वा के उप विकास आयुक्त (डीडीसी) उमाशंकर प्रसाद फरार हैं. पूर्व में हजारीबाग में डीटीओ रहे उमाशंकर प्रसाद के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी है.
निगरानी की टीम उनके गढ़वा स्थित सरकारी आवास में इश्तेहार का तामिला करा कर उन्हें फरार मान चुकी है. अब उनके घर के सामान की कुर्की-जब्ती की कार्रवाई शुरू की गयी है. केस के अनुसंधानक निगरानी एएसपी आनंद जोसेफ तिग्गा का कहना है कि कुर्की-जब्ती के लिए कोर्ट में आवेदन दिया गया है. इन सबके बावजूद उमाशंकर प्रसाद बतौर डीडीसी रोजाना ऑफिस जाते हैं. संबंधित काम करते हैं. अधिकारियों के साथ मीटिंग भी करते हैं.
छापेमारी के दौरान बरामद सामान : हजारीबाग स्थित डीटीओ कार्यालय में छापेमारी के दौरान निगरानी की टीम ने प्रदीप और प्रमोद को गिरफ्तार किया था. उनके पास से ड्राइविंग लाइसेंस की आठ फोटो कॉपी, स्मार्ट कार्ड ड्राइविंग लाइसेंस, साधारण लाइसेंस और नकद 16,860 रुपये बरामद हुए थे. पूछताछ में दोनों ने निगरानी टीम को बताया था कि वे डीटीओ के कहने पर लाइसेंस बनाने और अन्य काम के लिए पैसे वसूलते हैं.
इनके खिलाफ दर्ज हुआ था केस : मामले में हजारीबाग के तत्कालीन डीटीओ उमाशंकर प्रसाद, एमवीआइ मो फुलेमान, राज सिंह (प्रधान लिपिक), सरोज कुमारी (लिपिक), सुनील कुमार, अबुल कादिर, प्रमोद कुमार सिंह उर्फ पम्मी, पिंकू (सभी दैनिककर्मी), अमल पुष्प आनंद, सतीश कुमार सिंह (दोनों कंप्यूटर कर्मी) और एजेंट प्रदीप कुमार के खिलाफ केस दर्ज किया गया था. जांच के दौरान सरोज कुमारी, सतीश कुमार और अमल पुष्प आनंद के खिलाफ साक्ष्य नहीं मिले, तो निगरानी ने उन्हें क्लीन चिट दे दी एक अभियुक्त सुनील कुमार सिंह की मौत हो चुकी है. मो फुलेमान अभी जमानत पर हैं.
रोज ऑफिस जाते हैं, मीटिंग भी करते हैं उमाशंकर प्रसाद
अवैध वसूली का है आरोप
उमाशंकर प्रसाद जब हजारीबाग में डीटीओ थे, तो निगरानी टीम ने 17 अगस्त, 2011 को उनके कार्यालय में छापा मारा था. सूचना थी कि निबंधन/परमिट व लाइसेंस बनाने में वसूली की जा रही है. मामले को लेकर निगरानी में केस दर्ज किया गया था. उमाशंकर पर अवैध वसूली करवाने का आरोप लगाया गया था. निगरानी ने जांच में आरोप सही पाया.
मैं तो छुट्टी पर था
‘‘जब मैं हजारीबाग में डीटीओ था, मेरे ऑफिस में निगरानी टीम ने छापेमारी की थी. लेकिन मैं छुट्टी पर था. कुछ एजेंट मेरे ऑफिस में पहुंचे थे, जो गड़बड़ी करने का प्रयास कर रहे थे. निगरानी ने मुङो गलत आरोप में फंसाया है. इसके लिए मैंने हाइकोर्ट में आवेदन दिया है.
उमाशंकर प्रसाद, डीडीसी गढ़वा
‘‘गढ़वा डीडीसी उमाशंकर प्रसाद के खिलाफ पहले से गिरफ्तार वारंट जारी है. वर्तमान में केस की क्या स्थिति है और वह किस परिस्थिति में गिरफ्तार नहीं हो पा रहे हैं, यह मैं फाइल देख कर ही बता पाऊंगा.
नीरज सिन्हा, एडीजी निगरानी

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