रांची : लोहरदगा के पूर्व विधायक सह कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत की पत्नी अनुपमा भगत समेत तीन लोगों को कांग्रेस पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है. सुखदेव भगत ने राज्य में विधानसभा चुनाव के ठीक पहले भाजपा का दामन थाम लिया था. उन्होंने भाजपा के टिकट पर चुनाव भी लड़ा.
लेकिन, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव से हार गये. उनकी पत्नी अनुपमा भगत लोहरदगा जिला परिषद की अध्यक्ष भी हैं. लोहरदगा जिला कांग्रेस के अध्यक्ष साबिर खान ने अनुपमा भगत, आलोक साहु व मोहन दूबे पर कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी के विरुद्ध काम करने और भाजपा के लिए चुनाव प्रचार करने को वजह बताते हुए निलंबन की अनुशंसा की थी.
इधर, अनुपमा भगत ने स्वयं को पार्टी से निकाले जाने पर असंतोष जताया है. खुद पर लगे पार्टी विरोधी कार्य के आरोपों को नकारते हुए उन्होंने कहा है कि विधानसभा चुनाव के दौरान वह पूरी तरह कांग्रेस के साथ थी. महागामा जाकर कांग्रेस प्रत्याशी दीपिका पांडेय सिंह के पक्ष में प्रचार भी किया था. इसकी पुष्टि अभी भी की जा सकती है.
उन्होंने कहा कि मुझे मेरे पति के दल बदलने और उनके कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव के खिलाफ चुनाव लड़ने के कारण पार्टी से निकाला गया है. उधर, मामले में पार्टी के अंदर खुसर-फुसर शुरू हो रही है. अंदरखाने की चर्चा है कि गीताश्री उरांव और अरुण उरांव के मामले में पार्टी ने कोई कार्रवाई नहीं की. अरुण उरांव भी चुनाव के पूर्व कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में शामिल हो गये थे. जबकि, गीताश्री उरांव कांग्रेस पार्टी में ही हैं.