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रांची : थायराइड के मरीज को डाॅक्टर खिला रहा था किडनी की दवा
राजीव पांडेय देवघर के डॉक्टर का कारनामा, रिम्स में हुई बीमारी की पहचान रांची : देवघर के रहने वाले लालू कुमार (22 वर्ष) थायराइड से पीड़ित हैं, जबकि डॉक्टर उन्हें किडनी की दवा खिला रहे थे. दवा खाने के बाद भी जब मरीज की बीमारी ठीक नहीं हुई, ताे परिजन उसे लेकर रिम्स पहुंचे. मेडिसिन […]
राजीव पांडेय
देवघर के डॉक्टर का कारनामा, रिम्स में हुई बीमारी की पहचान
रांची : देवघर के रहने वाले लालू कुमार (22 वर्ष) थायराइड से पीड़ित हैं, जबकि डॉक्टर उन्हें किडनी की दवा खिला रहे थे. दवा खाने के बाद भी जब मरीज की बीमारी ठीक नहीं हुई, ताे परिजन उसे लेकर रिम्स पहुंचे.
मेडिसिन विभाग में डॉ डीके झा को परिजनों ने दिखाया. मरीज को देवघर के डॉक्टर द्वारा चलायी जा रही दवा व उसकी जांच रिपोर्ट देखने के बाद डॉ झा को बीमारी के लक्षण व दवा में समानता नहीं मिली. उन्होंने मरीज को थायराइड की सामान्य जांच कराने को कहा. जांच कराने परी टीएसएच 150 मिला, जो सामान्य से 30 गुना अधिक है. जांच रिपोर्ट से यह स्पष्ट हो गया कि मरीज थायराइड से पीड़ित है.
इधर, देवघर में डॉक्टर ने मरीज की शुगर, किडनी, क्रिटिनिन, पोटैशियम, यूरिक एसिड, कैल्शियम, ब्लड यूरिया, लिपिड प्रोफाइल सहित कई अन्य जांच करायी. जांच में मरीज के दो से तीन हजार रुपये भी खर्च हुए. वहीं सामान्य टीएसएच की जांच डॉक्टर ने नहीं करायी. देवघर स्थित मां पार्वती पैथोलॉजी की जांच रिपोर्ट में मरीज की सिरम क्रिटिनिन 1.9 पाया गया. इसके बाद वहां के डॉक्टर ने किडनी दवा शुरू कर दी.
चेहरे में सूजन व आवाज में थी लड़खड़ाहट : परिजनों ने बताया कि लालू के चेहरे में सूजन, आवाज में लड़खड़ाहट, शरीर में कंपन, कब्ज, भूख नहीं लगना, त्वचा में रूखापन आदि की समस्या थीं. इसके बाद उसे देवघर में एक डॉक्टर के पास ले जाया गया. जब दवा खाने के बाद भी बीमारी ठीक नहीं हुई, तो परिजन उसे लेकर रिम्स पहुंचे. यहां जांच कराने के बाद सही बीमारी का पता चला.
तीन महीने में ठीक हो जायेगी बीमारी : थायराइड की एक गोली रोज खाली पेट लेनी होती है. यह थायरॉक्सीन नाम से बाजार में मिलती है. 100 गोली की कीमत 135 रुपये है. यानी प्रतिदिन दवा का खर्च 1.35 रुपये आता है.
मरीज को सिर्फ थायराइड की समस्या थी. जांच के बाद उसे थायरॉक्सीन दवा दी गयी है. देवघर के डॉक्टर ने किडनी की दवा शुरू कर दी थी. वहां की पैथाेलॉजी जांच रिपोर्ट में क्रिटिनिन बढ़ा हुआ पाया गया. ज्यादा टीएसएच बढ़ा पाने पर डॉक्टर अक्सर दवा का डोज बढ़ा देते हैं, लेकिन टीएसएच ज्यादा बढ़ना बीमारी की अवधि को दर्शाता है. मरीज की सारी दवा बंद कर दी गयी है. सिर्फ एक दवा दी गयी है.
डॉ डीके झा, एसोसिएट प्रोफेसर, रिम्स
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