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दिव्यांगता नियमावली बनाने वाला पहला राज्य है झारखंड

रांची : एनसीपीइडीपी दिल्ली, स्वाभिमान अोड़िसा एवं झारखंड विकलांग मंच के संयुक्त तत्वावधान में होटल राज रेजिडेंसी में दो दिवसीय दिव्यांगता सेमिनार सोमवार से शुरू हुआ. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राज्य नि:शक्तता आयुक्त सतीश चंद्रा ने कहा कि दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम-2016 के तहत नियमावली बनाने वाला झारखंड देश का पहला राज्य है. सरकार दिव्यांग जनों […]

रांची : एनसीपीइडीपी दिल्ली, स्वाभिमान अोड़िसा एवं झारखंड विकलांग मंच के संयुक्त तत्वावधान में होटल राज रेजिडेंसी में दो दिवसीय दिव्यांगता सेमिनार सोमवार से शुरू हुआ. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राज्य नि:शक्तता आयुक्त सतीश चंद्रा ने कहा कि दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम-2016 के तहत नियमावली बनाने वाला झारखंड देश का पहला राज्य है. सरकार दिव्यांग जनों के विकास के प्रति संवेदनशील एवं प्रयत्नशील है. यहां दिव्यांग पेंशन पांच वर्षीय बच्चे को भी मिलता है.
उन्होंने कहा कि दिव्यांग जनों को स्वरोजगार से जोड़ने के उद्देश्य सरकार सोसाइटी का गठन करेगी. उन्हें छोटे-छोटे उद्योग चलाने में मदद की जायेगी. वहीं जिला स्तरीय मोबाइल कोर्ट जागरूकता शिविर अब प्रखंड व पंचायत स्तर पर भी लगेगा. प्रशिक्षक के रूप में अोडिशा से आयी डॉ श्रुति महापात्रा ने कहा कि दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम-2016 के प्रावधानों से लोगों को अवगत कराना होगा.
मौके पर संस्था दीपशिखा की संस्थापक सदस्य अलका निजामी ने नेशनल ट्रस्ट के तहत विभिन्न प्रावधानों की चर्चा की. एनसीपीइडीपी के राजीव रतौडी ने दिव्यांगों की 21 श्रेणियों के बारे में बताया व कहा कि दिव्यांगों के लिए रोजगार में चार फीसदी तथा गरीबी उन्मूलन कार्यक्रमों में पांच फीसदी आरक्षण का प्रावधान है.
एनसीपीइडीपी के निदेशक अरमान अली ने दिवांग जनों से जुड़ी सरकारी योजनाओं की जानकारी दी. अधिवक्ता सोनल तिवारी ने कहा कि अपने साथ भेदभाव होने पर इसकी जानकारी दें या जनहित याचिका दायर करें. सेमिनार में विभिन्न जिलों से आये 65 दिव्यांगजन उपस्थित थे.

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