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रांची : जनता-पुलिस समन्वय से खत्म हो रहा उग्रवाद

उग्रवादी हिंसा में मारे गये 150 लोगों के आश्रितों को मुख्यमंत्री ने सौंपा नियुक्ति पत्र, कहा कारा अस्पतालों के लिए पारा चिकित्साकर्मियों को भी मिला नियुक्ति पत्र रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने उग्रवादी हिंसा में मारे गये आम नागरिकों के 150 आश्रितों व 85 कारा अस्पताल में पारा चिकित्सा कर्मियों को नियुक्ति पत्र सौंपा. […]

उग्रवादी हिंसा में मारे गये 150 लोगों के आश्रितों को मुख्यमंत्री ने सौंपा नियुक्ति पत्र, कहा
कारा अस्पतालों के लिए पारा चिकित्साकर्मियों को भी मिला नियुक्ति पत्र
रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने उग्रवादी हिंसा में मारे गये आम नागरिकों के 150 आश्रितों व 85 कारा अस्पताल में पारा चिकित्सा कर्मियों को नियुक्ति पत्र सौंपा.
नक्सली हिंसा में मृतकों के आश्रितों को आरक्षी, चतुर्थ वर्ग, नर्स, कंपाउंडर, फार्मासिस्ट और एक्स-रे टेक्नीशियन के पदों पर नियुक्त किया गया है. मुख्यमंत्री ने सांकेतिक तौर पर सुकरा मुंडा, जीदन टूटी, जकरियस टोपनो, सीताराम मुंडा, सनातन पातर, महेंद्र प्रसाद मुंडा, फुलेश्वरी देवी, रेखा कुमारी, कारा अस्पताल में पारा चिकित्सा के पदों के लिए बिजली कुमारी नाग, सीमा रोहिणी मींज, दमयंती प्रधान, अजय कुमार गुप्ता, पवन कुमार पासवान, भीम कुमार महतो और अभिनव सौरभ को नियुक्ति पत्र सौंपा.
प्रोजेक्ट भवन में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए श्री दास ने कहा : नक्सलियों ने निर्दोष लोगों को निशाना बनाया. सरकार निर्दोष मृतकों के परिवार के साथ खड़ी है. भाजपा सरकार के गठन के बाद से ही उग्रवाद के प्रति प्रशासन का रुख काफी कड़ा रहा है. नक्सलियों पर कड़ी कार्रवाई की गयी है. पिछले पांच साल में नक्सली गतिविधियों पर पुलिस ने लगाम लगा दिया है. राज्य में उग्रवाद अब अपने अंतिम चरण में है. उग्रवाद से निबटने के लिए कई वीर जवानों ने अपने प्राणों की आहुति दी है.
बेकसूर नक्सली हिंसा के शिकार हुए हैं. सरकार शहीदों के आश्रितों और परिवारों के साथ खड़ी रहेगी. पुलिसकर्मी और आम जनता के बीच आपसी समन्वय बनाने पर ही सफलता मिलेगी. पुलिस और जनता के आपसी सहयोग से अाने वाले वर्षों में उग्रवाद मुक्त झारखंड बनाना है. उन्होंने कहा कि जनसंवाद के तहत सीधी बात कार्यक्रम में नक्सली हिंसा में मारे गये परिवारों की नौकरी या मुआवजा नहीं मिलने की शिकायतें आती हैं.
उन पर त्वरित निर्णय लेकर सरकार हरसंभव मदद पहुंचा रही है. निश्चित समय सीमा के अंदर मुआवजा और नौकरी दे रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के जेलों के बंदियों को भी बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराना सरकार की जिम्मेदारी है. इसी के तहत गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा 85 पारा चिकित्सा कर्मियों को नियुक्ति पत्र दिया जा रहा है.
पारा चिकित्सा कर्मी अब जेल के बंदियों की उत्तम स्वास्थ्य के लिए लगाये जायेंगे. श्री दास ने कहा कि मेडिकल कॉलेज, मेडिकल हॉस्पिटल इत्यादि स्वास्थ्य के क्षेत्र में रोजगार की काफी संभावनाएं हैं. राज्य सरकार द्वारा झारखंड की बच्चियों को कौशल विकास के माध्यम से नर्सिंग प्रशिक्षण दिया जा रहा है. उनको रोजगार से जोड़ा रहा है. मुख्यमंत्री ने नवनियुक्त कर्मियों को उनके उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी. कहा कि आप सरकारी कर्मचारी नहीं, बल्कि कर्मयोगी बन कर कार्य करें.
कार्य की जिम्मेदारियों को पूरी ईमानदारी और निष्ठा भाव से निभायें. आम जनता की मदद करें. समारोह में मुख्य सचिव डीके तिवारी, गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, डीजीपी केएन चौबे, डीजीपी मुख्यालय पीआरके नायडु, गृह विभाग की विशेष सचिव तदाशा मिश्रा व कारा निरीक्षक शशिरंजन समेत अन्य अधिकारी उपस्थित थे.

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