तीसरा दिन हंगामे की भेंट चढ़ा, शोर-शराबे के कारण सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी
रांची : विधानसभा के माॅनसून सत्र का तीसरा दिन हंगामे की भेंट चढ़ गया. वन अधिकार कानून में किये जा रहे संशोधन को लेकर झामुमो ने सदन में हंगामा किया. सदन में जनता के एक भी सवाल नहीं आये. सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद विधानसभा परिसर में सत्ता पक्ष व विपक्ष ने एक-दूसरे पर ठीकरा फोड़ा.
सत्ता पक्ष : वन अधिकार मामले में अपना काम कर रही है सरकार : अमर बाउरी
भू-राजस्व मंत्री अमर बाउरी ने कहा कि जिस वन अधिकार कानून में संशोधन को लेकर झामुमो ने सदन को बाधित किया, वह मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है. इसमें कोर्ट ने राज्य सरकार से मंतव्य मांगा है.
सरकार इस दिशा में काम कर रही है. जहां पिछले 14 साल में 43 हजार वन पट्टे बांटे गये, वहीं साढ़े चार साल में 68 हजार वन पट्टे बांटे गये. सदन में नारा लगाने के सवाल पर श्री बाउरी ने कहा कि पहले झामुमो विधायक पौलुस सुरीन ने जय श्रीराम नहीं चलेगा का नारा लगाया.
इसके बाद सत्ता पक्ष की ओर से भी नारे लगाये गये. विधायक शिवशंकर उरांव ने कहा कि पिछले साढ़े चार साल के कार्यकाल के दौरान विपक्ष ने ढाई साल तक सदन को चलने नहीं दिया. विधायक राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि पांच दिनों के सत्र में कई महत्वपूर्ण विषयों पर सवाल आने थे. झामुमो ने सदन को बाधित करने का काम किया.
विपक्ष : आदिवासी-मूलवासी का अधिकार छीन रही है राज्य सरकार : हेमंत सोरेन
नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने कहा कि वन अधिकार कानून मामले में सरकार गुमराह करने की कोशिश कर रही है. यह मामला कोर्ट में नहीं है. जब कानून ही नहीं बना है तो मामला कोर्ट में कैसे जायेगा. केंद्र सरकार ने ड्राफ्ट पर सरकार से सुझाव मांगा है. जिस प्रकार कानून में संशोधन का प्रावधान किया जा रहा है, इससे राज्य की बड़ी आबादी प्रभावित होगी. सरकार आदिवासी-मूलवासी को उनके हक व अधिकार से बेदखल करना चाह रही है. सदन में नारा लगाने के सवाल पर श्री सोरेन ने कहा कि सरकार हिडेन एजेंडा के तहत लोगों को उकसाने का काम कर रही है. झामुमो विधायक कुणाल षाडंगी ने कहा कि सत्ता पक्ष के विधायकों ने सदन को गुमराह किया.
सरकार पूरे मामले को डाइवर्ट कर रही है. झामुमो विधायक पौलुस सुरीन ने कहा कि सरकार की ओर से भगवान के नाम पर राजनीति की जा रही है. जय श्री राम नहीं चलेगा की बात उन्होंने नहीं की है. हमने जय सरना व जय तीर-धनुष कहा.