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रांची : कुरमी अगर एसटी नहीं बना, तो सत्ताधारी दल को लोस में दिखायेंगे ट्रेलर व विस चुनाव में पूरी फिल्म
मोरहाबादी मैदान में कुरमी विकास मोर्चा की आक्रोश महौरली, शीतल ओहदार ने कहा रांची : टोटेमिक कुरमी/कुड़मी को एसटी में सूचीबद्ध किये जाने की मांग को लेकर रविवार को मोरहाबादी मैदान में आक्रोश महारैली का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष शीतल ओहदार ने कहा कि राज्य का सत्ताधारी दल एक माह […]
मोरहाबादी मैदान में कुरमी विकास मोर्चा की आक्रोश महौरली, शीतल ओहदार ने कहा
रांची : टोटेमिक कुरमी/कुड़मी को एसटी में सूचीबद्ध किये जाने की मांग को लेकर रविवार को मोरहाबादी मैदान में आक्रोश महारैली का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष शीतल ओहदार ने कहा कि राज्य का सत्ताधारी दल एक माह के अंदर केंद्र सरकार को कुरमी/कुड़मी को एसटी में सूचीबद्ध कराने का प्रस्ताव भेजे. अन्यथा लोकसभा चुनाव में समाज के लोग सत्ताधारी दल को ट्रेलर दिखायेंगे. इसके बाद भी सरकार नहीं जागी, तो आनेवाले विधानसभा चुनाव में पूरी फिल्म दिखाते हुए सुपड़ा साफ कर दिया जायेगा. श्री ओहदार ने कहा कि अब समाज कोई किंतु-परंतु सुनने के मूड में नहीं है.
जब राज्य में भाजपा की सरकार व केंद्र में भाजपा की सरकार है, तो फिर कुरमी/कुड़मी को एसटी बनाने में अड़चन कहां है. राज्य सरकार प्रस्ताव भेज कर उसे केंद्र सरकार से स्वीकृत कराये. श्री ओहदार ने कहा कि मोरहाबादी मैदान से अब समाज के लोग शपथ लेकर जायें कि 2019 में आर-पार होगा.
मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी ने कहा कि 1950 में एक साजिश के तहत कुरमी/कुड़मी को एसटी की सूची से निकाला गया. इसका खामियाजा आज भी समाज के लोग भुगत रहे हैं. लेकिन अब बहानेबाजी से काम नहीं चलेगा. मोर्चा के पदाधिकारियों से आग्रह है कि वे सभी राजनीतिक दलों के प्रमुखों से मिले.
उनसे कहें कि अगर आप चुनाव में समाज का वोट चाहते हैं, तो समाज को एसटी की सूची में सूचीबद्ध कराना होगा. जो भी दल इसके सपोर्ट में होंगे, मोर्चा उन्हें सपोर्ट करे और जो विरोध करे, उन्हें चुनाव में सबक सिखाया जाये.
झामुमो विधायक जगरनाथ महतो ने कहा कि अब धरना-प्रदर्शन व मीटिंग करने का समय नहीं है. अब संकल्प लेकर आर-पार की लड़ाई में उतरने की जरूरत है.
श्री महतो ने कहा कि उन्होंने विधानसभा के पटल पर यह मांग रखी थी कि आखिर कुड़मी को एसटी का दर्जा क्यों नहीं मिल रहा है. इस पर सदन में चर्चा करायेंं. लेकिन वर्तमान सरकार विधानसभा में इसका चर्चा भी नहीं करना चाहती है. पूर्व विधायक केशव महतो कमलेश ने कहा कि हमारा रहन-सहन सब कुछ आदिवासी जैसा है, तो फिर सरकार हमें एसटी में क्यों नहीं सूचीबद्ध कराना चाहती है.
कार्यक्रम को केंद्रीय मीडिया प्रभारी ओमप्रकाश महतो, सखीचंद महतो, राजेश महतो, रचिया महतो, सागर महतो, गुणानंद महतो, अनिल टाइगर, छात्र युवा अधिकार मोर्चा के संतोष महतो, सिम्मी महतो, राजकुमार महतो, भुवनेश्वर महतो, कामेश्वर महतो, देवनारायण महतो, पटेल, चंद्रनाथ पटेल, चिंतामणि पटेल, जयराम महतो, वीणा देवी, ममता देवी आदि ने संबोधित किया. इधर, पूर्व सांसद शैलेंद्र महतो अपने एक करीबी के निधन के कारण कार्यक्रम में भाग नहीं ले सके.
समाज के लोगों की स्थिति फुटबॉल जैसी : लंबोदर : आजसू नेता लंबोदर महतो ने कहा कि कुरमी/कुड़मी की स्थिति फुटबॉल की तरह हो गयी है. जिसे सब एक दूसरे के पाले में मार कर डाल दे रहे हैं. केंद्र सरकार कभी राज्य सरकार के पास, तो राज्य सरकार कभी टीआरआइ के पास मामले को भेज रही है. लेकिन समाज की मांग कैसे पूरी होगी, इसको लेकर कोई गंभीर नहीं है.
सरकार बना भी सकते हैं, तो गिरा भी सकते हैं : लालटू महतो : कुड़मी सेना के केंद्रीय अध्यक्ष लालटू महतो ने कहा कि कुड़मी अब जाग गये हैं. अगर समाज के लोग सरकार बना सकते हैं, तो सरकार गिरा भी सकते हैं. कुछ लोगों ने मन में गलतफहमी पाल लिया है. उन्हें आने वाले चुनाव में दिख जायेगा कि कौन कितने पानी में है.
70 से ठगे जा रहे हैं, इसका हिसाब कौन देगा : अमर चौधरी : रांची विवि के रजिस्ट्रार अमर चौधरी ने कहा कि आज तक किसी की जाति बदली है क्या. लेकिन क्या कारण है कि पूर्व में जो कुरमी एसटी में थे, आज वे एसटी सूची से बाहर हैं.
श्री चौधरी ने कहा कि एसटी सूची से बाहर रहने के कारण समाज के लोगों को पिछले 70 सालों से उनका हक नहीं मिला है. समाज के बच्चे नौकरी से वंचित रहे हैं. हम आदिवासी भाइयों से यह आग्रह करना चाहते हैं कि कुरमी अगर एसटी बना, तो आदिवासियों को अधिकार नहीं छिनेगा. बल्कि पूरा स्टेट ही आदिवासी स्टेट हो जायेगा.
सवर्णों ने मांगा नहीं, तो दे दिया, हम मांग रहे, तो हमें नहीं मिल रहा : जयमुनि महतो ओड़िशा के कुड़मी सेना अध्यक्ष जयमुनि महतो ने कहा कि हाल ही में सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण दिया गया. जबकि सवर्णों ने इसकी मांग भी नहीं की थी. लेकिन हम मांग कर रहे हैं. हमें मिल नहीं रहा है. इसलिए अब समाज के लोगों को जागने की जरूरत है. अब धरना-प्रदर्शन से नहीं, जेल भरो अांदोलन चलाने की जरूरत है.
छत्तीसगढ़ की तरह यह सरकार भी जायेगी : रामपोदाे महतो : कुड़मी विकास मोर्चा के वरीय उपाध्यक्ष रामपोदो महतो ने कहा कि राज्य सरकार गलतफहमी में न रहे कि हम दोबारा सरकार में आ जायेंगे. अगर लोकसभा चुनाव से पहले एसटी बनाने की अनुशंसा नहीं की जाती है, तो भाजपा लोकसभा की दो सीट भी झारखंड से नहीं जीत पायेगी.
इधर, किसी भी हाल में कुरमी-तेली को आदिवासी नहीं बनने देंगे : बबलू मुंडा
रांची : केंद्रीय सरना समिति के कार्यकारी अध्यक्ष बबलू मुंडा ने कहा है कि आदिवासी सरना समाज के धर्म-संस्कृति, रीति-रिवाज, परंपरा व हक-अधिकारों पर चौतरफा हमले हो रहे है़ं आदिवासी का लाभ लेने के लिए गैर आदिवासी एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे है़ं
एक तरफ ईसाई मिशनरी उनका हक व अधिकार लूट रहे हैं, दूसरी तरफ कुरमी-तेली राजनैतिक लाभ के लिए आदिवासी का दर्जा मांग रहे है़ं किसी भी हाल में कुरमी-तेली व ईसाई को आदिवासी नहीं बनने दिया जायेगा़ उन्होंने कहा कि आदिवासी आदि काल से प्रकृति पूजक हैं, जबकि कुरमी-तेली समाज के लोग शुरू से ही हिंदू धर्म के अनुयायी है़ं
ये सिर्फ आदिवासी कोटा से मुखिया, सरपंच, विधायक, सांसद व नौकरी में एसटी आरक्षण का लाभ लेने के लिए आदिवासी बनना चाहते है़ं कुरमी-तेली के नेता बताएं कि कितने परिवार के लोग अपने बेटा-बेटी की शादी आदिवासी परिवारों से कराते हैं. केंद्रीय सरना समिति द्वारा जल्द ही मोरहाबादी मैदान में महारैली कर विरोध जताया जायेगा़
रांची : मंत्री ने कुरमी-कुड़मी को अजजा में शामिल करने के लिए पीएम को लिखा पत्र
रांची : राज्य के जल संसाधन, पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कुरमी-कुड़मी जाति को अनुसूचित जाति में शामिल करने के लिए प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है. उन्होंने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 342 के तहत अनुसूचित जनजाति में शामिल करने का आग्रह किया है. पत्र में मंत्री ने लिखा है कि 23 नवंबर 2004 में झारखंड मंत्रिपरिषद की बैठक में तय किया गया है कि 1913 एवं 1938 में अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल कुरमी/कुड़मी जाति, जिन्हें बिना किसी कारण के 1950 एवं 1952 की सूची में शामिल नहीं किया गया है.
यदि एथोनोग्राफी सर्वे की आवश्यकता पड़े, तो झारखंड की संवैधानिक संस्था झारखंड राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग से सर्वे कराना श्रेयस्कर होगा. इंडियन सक्सेशन एक्ट 1865 एवं 1925 में भी कुरमी/कुड़मी कुर्मी को बिहार सरकार ने जनजाति माना है. वर्ष 1913 में भारत सरकार की अधिसूचना संख्या 550, 25 मई 2013 को जारी गजट ऑफ इंडिया के पेज नंबर 471 में प्रकाशित हुआ है, जिसमें 13 जातियों के साथ कुरमी/कुड़मी को जनजाति (ट्राइबल) माना गया है.
रजरप्पा में 30 करोड़ से दामोदर नदी के ऊपर हैंगिंग ब्रिज का काम शुरू शुरूअभियंता प्रमुख ने किया निरीक्षण, अभियंताओं व ठेकेदार को दिये निर्देश
रजरप्पा में 30 करोड़ से दामोदर नदी के ऊपर हैंगिंग ब्रिज का काम शुरू शुरूअभियंता प्रमुख ने किया निरीक्षण, अभियंताओं व ठेकेदार को दिये निर्देश
रांची : रजरप्पा में हैंगिंग ब्रिज का काम शुरू हो गया है. यहां 30.5 करोड़ की लागत से हैगिंग ब्रिज का निर्माण कार्य शुरू किया गया है, जो दामोदर नदी के ऊपर बनेगा. इससे गाड़ियां इस ओर से उस ओर जा सकेंगी. ब्रिज के बन जाने से गिरिडीह की अोर जाने की दूरी कम हो जायेगी. गाड़ियां पुल के ऊपर से दूसरी अोर काफी समय में पार हो जायेंगी.
पथ निर्माण विभाग ने पिछले साल इस योजना को स्वीकृति दी थी. इस तरह अब काम शुरू करा दिया है. अभियंता प्रमुख रास बिहारी सिंह इंजीनियरों की टीम के साथ रविवार को रजरप्पा पहुंचे. यहां उन्होंने निर्माण कार्य की स्थिति का मुआयना किया. मौके पर संबंधित कार्यपालक अभियंता, सहायक अभियंता व कनीय अभियंता के साथ उन्होंने विचार-विमर्श भी किया. वहीं, संबंधित ठेकेदार को आवश्यक निर्देश भी दिया.
चित्तरपुर-रजरप्पा फोर लेन रोड का भी निरीक्षण
पथ निर्माण विभाग ने चित्तरपुर-रजरप्पा फोर लेन रोड का भी निरीक्षण किया. यहां विभाग ने फोर लेन रोड का काम शुरू कराया है.84.15 करोड़ की लागत से सड़क का निर्माण कराया जा रहा है. इसकी लंबाई 10.3 किमी है. सड़क चौड़ीकरण के काम का निरीक्षण अभियंता प्रमुख रास बिहारी सिंह ने किया. उन्होंने अभियंताअों को सड़क निर्माण की दिशा में आवश्यक निर्देश भी दिया. साथ ही समय सीमा के पालन का निर्देश दिया.
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