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Global Skill Summit 2019 : झारखंड ने इतिहास रचा, एक लाख युवाओं को मिला रोजगार

रांची : झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा है कि आगामी 10 वर्षों में यह प्रदेश विश्व के सबसे विकसित देशों की बराबरी करेगा. एक दिन में एक साथ 1.06 लाख (एक लाख छह हजार) युवाओं को नियुक्ति पत्र देने का इतिहास रचने के बाद मुख्यमंत्री ने यह दावा किया. साथ ही युवाओं को […]

रांची : झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा है कि आगामी 10 वर्षों में यह प्रदेश विश्व के सबसे विकसित देशों की बराबरी करेगा. एक दिन में एक साथ 1.06 लाख (एक लाख छह हजार) युवाओं को नियुक्ति पत्र देने का इतिहास रचने के बाद मुख्यमंत्री ने यह दावा किया. साथ ही युवाओं को सलाह दी कि वे निराशा को खुद पर हावी न होने दें. केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि झारखंड में विश्व की अर्थव्यवस्था को संभालने की ताकत है. वहीं, झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कंपनियों से अपील की कि वे लोगों को रोजगार दें, तो उनके साथ ऐसा व्यवहार करें कि वे टिककर काम कर सकें. उन्हें एक-दो महीने में नौकरी छोड़ने के लिए मजबूर न होना पड़े. कई औद्योगिक संस्थानों और झारखंड सरकार के बीच कौशल विकास के लिए समझौते हुए. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने झारखंड में 6 नये कौशल विकास केंद्र का ऑनलाइन उद्घाटन किया. रांची में दो कौशल विकास केंद्र के अलावा कोडरमा, पलामू और जामताड़ा में भी एक-एक केंद्र बने हैं.

रांची के खेलगांव में गुरुवार को आयोजित ग्लोबल स्किल समिट 2019 को संबोधित करते हुए कहा कि खनिज संपदा से परिपूर्ण झारखंड के युवा प्रदेश की सबसे बड़ी ताकत हैं. देश की आजादी के 67 साल बाद और झारखंड गठन के 14 साल तक युवाओं के बारे में किसी ने नहीं सोचा. वर्ष 2014 में केंद्र में नरेंद्र मोदी और झारखंड में भाजपा की सरकार बनी, तो युवाओं के भविष्य के बारे में सरकार ने सोचना शुरू किया.

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उन्होंने कहा कि इसी सोच का नतीजा है कि दो साल में सरकार ने चार-चार ग्लोबल समिट किये. वर्ष 2017 में मोमेंटम झारखंड, 2018 में स्किल समिट, उसी साल ग्लोबल एग्रिकल्चर एंड फूड समिट और अब वर्ष 2019 की शुरुआत में ग्लोबल स्किल समिट. इसके जरिये हुनरमंद युवाओं को रोजगार दिलाया गया, तो किसानों को नयी तकनीक से परिचित कराया गया, ताकि वे उन्नत खेती करके ज्यादा से ज्यादा पैसे कमा सकें.

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने बीड़ा उठाया कि झारखंड में उद्योग स्थापित करने वाले उद्यमियों को मानव संसाधन यहीं पर उपलब्ध हो जाये. प्रदेश के युवाओं को नौकरी के लिए अपना घर छोड़कर दूसरे राज्यों में न जाना पड़े. इसके लिए उन्हें हुनरमंद बनाया गया. उनके कौशल विकास के लिए संस्थानों की स्थापना की गयी. वर्ष 2018 के स्किल समिट में 25 हजार से ज्यादा युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराया गया. इस बार एक लाख से ज्यादा युवाओं को रोजगार मिला. यह अपने आप में एक कीर्तिमान है.

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श्री दास ने कहा कि झारखंड, देश और दुनिया में रोजगार के ढेरों अवसर हैं. हम आदिवासी जनजाति और पिछड़े बच्चों को कुशल बना रहे हैं. ये बच्चे आज दुनिया भर में अपनी योग्यता का लोहा मनवा रहे हैं. प्रदेश का नाम रोशन कर रहे हैं. झारखंड और भारत की क्षमता से दुनिया को परिचित करा रहे हैं. उन्होंने कहा कि दुनिया बूढ़ी हो रही है. हमारा देश युवा है. अपने देश में 65 फीसदी लोग 35 साल से कम उम्र के हैं. हम दुनिया भर के देशों की जरूरतों को पूरा कर सकते हैं.

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि झारखंड ने आज इतिहास गढ़ा है. श्री दास ने युवाओं को नसीहत दी कि वे कड़ी मेहनत करें. असफलता से कभी निराश न हों. उन्होंने कहा कि वह टाटा कंपनी में नौकरी करते थे. कभी स्थायी नहीं हो पाये, क्योंकि वे सिर्फ बीएससी पास थे. उस वक्त भी टाटा स्टील में कुशल कामगार को प्राथमिकता दी जाती थी. बाद में वह राजनीति में आ गये और आज प्रदेश के प्रधान सेवक के रूप में राज्य के लोगों की सेवा कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि सिद्धि तभी मिलती है, जब आप कठिन परिश्रम करते हैं. कहा कि झारखंड के बच्चे परिश्रमी हैं. दुनिया के किसी देश के लोगों से उनकी क्षमता किसी मायने में कम नहीं है. गारमेंट क्षेत्र में अरविंद मिल्स में हाल ही में झारखंड के 12,000 बच्चे-बच्चियों को रोजगार मिला. उन्होंने कहा कि मिल के मालिक ने बताया कि झारखंड के जितने स्टाफ हैं, वे बेहतरीन काम कर रहे हैं.

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मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे पास खनिज संसाधन के साथ-साथ मानव संसाधन भी हैं. कोई भी अर्थशास्त्री यही कहता है कि झारखंड को किसी विकसित राष्ट्र के बराबर होना चाहिए. सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हम इस दिशा में काम कर रहे हैं. इसलिए दुनिया भर के राजनयिकों और उद्यमियों को यहां आमंत्रित किया है. उन्होंने कहा कि आगामी 10 वर्षों में झारखंड किसी विकसित राष्ट्र से कम नहीं रहेगा.

सीएम ने कहा कि राजनीतिक दलों ने 70 साल तक युवाओं को सिर्फ झंडा ढोने वाला बनाकर रख दिया. कहा कि यदि युवाओं की चिंता किसी पीएम ने की, तो वे हैं नरेंद्र मोदी. युवाओं को हुनरमंद बनाने के लिए श्री मोदी ने कौशल विकास मंत्रालय बनाया. युवा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की अगुवाई में यह मंत्रालय बेहतरीन काम कर रहा है. युवाओं को रोजगार मिल रहा है.

मुख्यमंत्री ने 11 युवाओं को नियुक्ति पत्र सौंपा

1. नीलकमल मुंडा

2. डेविड जॉन नाग

3. सुखदा हेम्ब्रम

4. संदीप टाना भगत

5. वीरेंद्र नाथ महतो

6. चांद मुर्मू

7. सुषमा लकड़ा

8. देवंती कुमारी

9. बालिया सोरेन

10. तित्र कुमारी

11. सुषमा लकड़ा

कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी, समाज कल्याण मंत्री लोईस मरांडी, खेल मंत्री अमर कुमार बाऊरी, पनामा, ट्यूनीशिया, अजरबेजान, मॉरीशस, मेडागास्कर, वियतनाम समेत 17 देशों के राजनयिक के अलावा देश की बड़ी कंपनियों के निदेशक एवं सीइओ, कंसल्टेंट, ट्रेनर, झारखंड के मुख्य सचिव, विभिन्न विभागों के पदाधिकारी, पुलिस महानिदेशक, अशोक भगत, चारु शर्मा, रोहित राय, नायिका महिमा चौधरी, बोर्ड निगम के अध्यक्ष, सदस्य एवं अलग-अलग जिलों से आये युवा शामिल हुए. अंत में ग्लोबल स्किल समिट 2019 पर एक फिल्म भी दिखायी गयी.

समिट को धर्मेंद्र प्रधान ने युवा कुंभ की संज्ञा दी

विशिष्ट अतिथि केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि झारखंड और वियतनाम की स्थिति एक जैसी है. वियतनाम की आबादी झारखंड से कुछ ज्यादा होगी. उन्होंने कहा कि झारखंड में विश्व की अर्थव्यवस्था को संभालने की ताकत है. पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री ने ग्लोबल स्किल समिट 2019 को युवा कुंभ की संज्ञा दी.

श्री प्रधान ने कहा कि विश्व युवा दिवस, स्वामी विवेकानंद की जयंती की पूर्व संध्या पर देश में कल एक नया अध्याय जुड़ा. संविधान बनाने वाले हमारे महापुरुषों ने समाज के दबे-कुचले तबके के लिए आरक्षण की व्यवस्था की थी. सामाजिक पिछड़ेपन के कारण जाति के आधार पर आरक्षण की व्यवस्था थी. गरीबों सवर्णों के लिए भारत सरकार ने 10 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था कर दी है. संसद में लोगों ने पूछा कि नौकरी कहां है कि आप आरक्षण देंगे. ऐसे सवाल करने वालों को रांची आकर देखना चाहिए. उनके सवालों का जवाब यहां है. यहां सरकार ने उद्योगों के साथ मिलकर नौजवानों के लिए जो किया है, वह पूरे देश के लिए एक नजीर है.

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श्री प्रधान ने कहा कि पिछले दिनों वे दुबई गये थे. झारखंड के मुख्यमंत्री भी साथ थे. वहां मालूम हुआ कि वर्ष 2020 में दुबई में 50 हजार ड्राइवरों की जरूरत होगी. दुबई की जरूरत पूरी करने और झारखंड के युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए वहां की ड्राइविंग स्कूल को अपने यहां ट्रेनिंग सेंटर खोलने के लिए आमंत्रित किया. श्री प्रधान ने कहा कि दुनिया के संपन्न देशों में कुशल कामगारों की जरूरत है. इस जरूरत को झारखंड पूरी कर सकता है. कहा कि यदि झारखंड के युवा बड़े शहरों में न जायें, तो वहां की व्यवस्था चरमरा जायेगी.

कई क्षेत्रों में आगे बढ़ सकता है झारखंड

श्री प्रधान ने कहा कि कृषि, खनन, उद्योग, निर्माण, पर्यटन, संस्कृति उद्योग से जुड़ी मांगों को झारखंड के युवा ही पूरा कर सकते हैं. यदि झारखंड के जंगलों को तकनीक के माध्यम से पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित कर पायें, तो लोग अफ्रीका नहीं जायेंगे. झारखंड में आयेंगे. यहां टाटा कंपनी ने वर्षों पहले स्टील फैक्ट्री की स्थापना की. इसके बाद न जाने कितने उद्योग स्थापित हुए. नयी सदी में झारखंड में और कई उद्योग स्थापित हो सकते हैं. इससे झारखंड समृद्ध होगा. देश में समृद्धि आयेगी.

शिक्षा मंत्री नीरा यादव ने कौशल का महत्व बताया

झारखंड की उच्च शिक्षा, तकनीकी एवं कौशल विकास मंत्री डॉ नीरा यादव ने युवाओं को कौशल विकास का महत्व बताया. उन्होंने कहा कि टाइपराइटिंग में उनकी 1LakhNaukriस्पीड 45-50 शब्द प्रति मिनट थी, लेकिन उन्हें नौकरी नहीं मिली. बैलेंस शीट में एक लाख रुपये को सेट करना उन्हें नहीं आता था. उन्होंने टाइपिंग इंस्टीट्यूट को अपना सर्टिफिकेट लौटा दिया. तब इंस्टीट्यूट वाले ने बताया कि सेटिंग कैसे होती है. इसके बाद जब नौकरी के लिए गयीं, तो उनसे पूछा गया कि कितने पैसे लेंगी. ये है कुशलता का मूल्य.

शिक्षा मंत्री ने कहा कि स्वामी विवेकानंद की जयंती पर आयोजित यह कार्यक्रम झारखंड को मान-सम्मान दिलायेगा. विस्थापन, पलायन की समस्या राज्य के गठन के समय से ही रही. बिना हुनर युवक-युवतियों को अन्य राज्यों में शारीरिक एवं आर्थिक शोषण का शिकार होना पड़ता था. हमारी युवा पीढ़ी हताश और निराश थी. लेकिन, आज का दिन बेहद पवित्र है. मुख्यमंत्री की पवित्र सोच और उनकी ऊर्जा की वजह से हमारे युवाओं के सपने साकार हो रहे हैं. शिक्षा मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संदेश भी पढ़कर सुनाया.

राज्यपाल बोलीं : युवाओं में विपरीत परिस्थितियों में भी श्रेष्ठ प्रदर्शन की क्षमता

झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि प्रदेश के युवा परिश्रमी हैं. विपरीत परिस्थितियों में भी श्रेष्ठ प्रदर्शन कर सकते हैं. राज्य के युवाओं ने अपनी मेधा से पूरे देश ही नहीं, अन्य देशों को भी प्रभावित किया है. उन्होंने कहा कि कंपनियों को देखना चाहिए कि बच्चों को नौकरी शुरू करने के एक-दो महीने के भीतर उन्हें नौकरी छोड़ने के लिए मजबूर न होना पड़े. कहा कि बच्चों को देश के कोने-कोने में युवा नौकरी करने जाना पड़ता है. बाद में उन्हें वेतन बहुत कम दिया जाता है. इसलिए युवा नौकरी छोड़ देते हैं. कंपनियों को इस बारे में सोचना चाहिए.

श्रीमती मुर्मू ने कहा कि देश का भविष्य युवाओं पर निर्भर है. देश की विभिन्न कंपनियां युवाओं की मेधा और उनकी ऊर्जा को सही दिशा दें, ताकि देश की उन्नति हो. कंपनी की उन्नति हो. साथ ही युवाओं को नसीहत दी कि वे काम को पूजा की तरह लें. अपनी क्षमता का भरपूर इस्तेमाल करें. वे उद्यमी भी बन सकते हैं. वे सिर्फ अच्छा काम करने के बारे में नहीं, उत्कृष्ट काम करने के बारे में सोचें. ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा. लोगों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आयेगा, ऐसी उम्मीद है.

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