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विधानसभा में कांग्रेस की सीट छह से बढ़ कर हुई आठ, तीन उप चुनाव लड़ी और जीती कांग्रेस
आजसू व झापा से छीन कर दो सीट पर बनायी बढ़त सतीश कुमार रांची : 2014 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद से झारखंड में सात उप चुनाव हुए. इसमें से कांग्रेस ने तीन उप चुनाव में उम्मीदवार खड़ा किया और तीनों में जीत हासिल की. तीनों उप चुनाव में कांग्रेस को गठबंधन में शामिल […]
आजसू व झापा से छीन कर दो सीट पर बनायी बढ़त
सतीश कुमार
रांची : 2014 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद से झारखंड में सात उप चुनाव हुए. इसमें से कांग्रेस ने तीन उप चुनाव में उम्मीदवार खड़ा किया और तीनों में जीत हासिल की. तीनों उप चुनाव में कांग्रेस को गठबंधन में शामिल करने का दावा करनेवाले दलों का अपेक्षित सहयोग नहीं मिला.
कोलेबिरा, लोहरदगा व पांकी में गठबंधन में शामिल होने का दावा करनेवाले दलों ने या तो अपना उम्मीदवार खड़ा किया या दूसरे दलों के प्रत्याशी का समर्थन किया. उप चुनाव की बदौलत कांग्रेस को दो सीटों की बढ़त मिली. कांग्रेस ने लोहरदगा में आजसू व कोलेबिरा में झापा की सीट छीन कर विजय हासिल की. 2014 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के छह विधायक चुनाव जीते थे. उप चुनाव के बाद विधानसभा में कांग्रेस विधायकों की संख्या बढ़ कर आठ हो गयी है. पांकी विधानसभा उप चुनाव में जीत हासिल कर कांग्रेस ने अपनी सीट को बरकरार रखा है.
झामुमो ने सभी उप चुनाव में गठबंधन से अलग रास्ता पकड़ा : इधर, राज्य में हुए सभी उप चुनाव में झामुमो ने गठबंधन से अलग रास्ता पकड़ा.
कांग्रेस के पांकी विधायक विदेश सिंह के निधन की वजह से सीट खाली होने पर कांग्रेस ने उनके बेटे देवेंद्र सिंह उर्फ बिट्टू सिंह को उम्मीदवार बनाया. यहां पर झामुमो ने एसबी मेहता को प्रत्याशी बनाया था. इसके बावजूद देवेंद्र सिंह ने झामुमो उम्मीदवार को पराजित कर जीत हासिल की. वहीं,आजसू विधायक कमल किशोर भगत को न्यायालय से दो साल से अधिक सजा होने पर इनकी विधायकी समाप्त हो गयी थी.
इस सीट को लेकर हुए उप चुनाव में कांग्रेस ने सुखदेव भगत को प्रत्याशी बनाया. इसके विरोध में झाविमो ने अपना प्रत्याशी खड़ा किया. झामुमो ने इस चुनाव में भी कांग्रेस को सपोर्ट नहीं किया. इसके बावजूद सुखदेव भगत विजयी हुए. इसी प्रकार कोलेबिरा के झापा विधायक एनोस एक्का की विधायकी भी अदालत की ओर से दो साल से अधिक की सजा सुनाये जाने की वजह से समाप्त हो गयी थी.
इस सीट पर कांग्रेस ने नमन विक्सल कोंगाड़ी को अपना प्रत्याशी बनाया. चुनाव से पहले झामुमो ने झापा प्रत्याशी मेनन एक्का को समर्थन देने की घोषणा कर दी. इसके बाद राजद ने भी झापा प्रत्याशी का समर्थन करने की घोषणा कर दी. हालांकि, कोलेबिरा उप चुनाव में झाविमो ने कांग्रेस का समर्थन किया.
झाविमो नेताओं ने कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थन में प्रचार भी किया. कोलेबिरा उप चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी नमन विक्सल कोंगाड़ी ने भाजपा उम्मीदवार बसंत सोरेंग को पराजित कर 18 साल बाद पार्टी को इस सीट पर विजय दिलायी.
चार उप चुनाव में कांग्रेस ने गठबंधन धर्म का किया पालन : दूसरी तरफ, गोड्डा, लिट्टीपाड़ा, सिल्ली व गोमिया में हुए उप चुनाव में कांग्रेस ने गठबंधन धर्म का पालन करते हुए अपना प्रत्याशी नहीं खड़ा किया.
गोड्डा में राजद ने प्रत्याशी खड़ा किया था, लेकिन वह भाजपा के अमित मंडल से पराजित हो गये. वहीं लिट्टीपाड़ा, गोमिया व सिल्ली झामुमो की सीट थी. उप चुनाव होने पर झामुमो ने इन तीन सीटों पर अपना प्रत्याशी खड़ा किया और जीत हासिल की. कांग्रेस ने इन सीटों पर हुए किसी भी चुनाव में अपना प्रत्याशी नहीं खड़ा किया. साथ ही विपक्षी दलों के प्रत्याशी का समर्थन किया.
उप चुनाव में कहां कौन जीता
विधानसभा जीते हारे
गोड्डा अमित मंडल (भाजपा) संजय यादव(राजद)
पांकी देवेंद्र सिंह (कांग्रेस) एसबी मेहता (झामुमो)
लिट्टीपाड़ा साइमन मरांडी (झामुमो) हेमलाल मुर्मू (भाजपा)
लोहरदगा सुखदेव भगत (कांग्रेस) नीरू शांति भगत (आजसू)
सिल्ली सीमा देवी(झामुमो) सुदेश महतो (आजसू)
गोमिया बबीता देवी (झामुमो) लंबोदर महतो (आजसू)
कोलेबिरा नमन विक्सल कोंगाड़ी (कांग्रेस) बसंत सोरेंग (भाजपा)
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