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रांची : सीबीआइ ने पूर्व मंत्री बंधु तिर्की को किया गिरफ्तार, जानें क्या है पूरा मामला

रांची : आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में झारखंड के पूर्व मंत्री बंधु तिर्की को सीबीआइ की टीम ने उनके बनहौरा (पंडरा ओपी) स्थित घर से बुधवार की सुबह छह बजे गिरफ्तार कर लिया. उन पर आय से 6.28 लाख रुपये अधिक की संपत्ति अर्जित करने का आरोप है. बंधु तिर्की को […]

रांची : आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में झारखंड के पूर्व मंत्री बंधु तिर्की को सीबीआइ की टीम ने उनके बनहौरा (पंडरा ओपी) स्थित घर से बुधवार की सुबह छह बजे गिरफ्तार कर लिया. उन पर आय से 6.28 लाख रुपये अधिक की संपत्ति अर्जित करने का आरोप है.
बंधु तिर्की को करीब 11.30 बजे सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश की अदालत में पेश किया गया. सीबीआइ का पक्ष सुनने के बाद न्यायालय ने अभियुक्त को न्यायिक हिरासत में भेज दिया. इस मामले में अगली सुनवाई 15 दिसंबर को हाेगी.
दूसरी ओर, बंधु तिर्की ने जमानत याचिका दायर कर दी है, इस पर गुरुवार को सुनवाई होगी. उल्लेखनीय है कि सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश एके मिश्रा की अदालत ने आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में बंधु तिर्की के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था. इसके आलोक में उन्हें गिरफ्तार किया गया.
क्या है मामला
कोड़ा कांड में पूर्व मंत्री बंधु तिर्की के खिलाफ सीबीआइ ने 11 अगस्त 2010 को आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की थी. कोड़ा कांड की जांच के लिए गठित सीबीआइ की विशेष दल ने बंधु तिर्की के खिलाफ दायर मामले की जांच के बाद न्यायालय में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी.
मई 2013 में दाखिल की गयी क्लोजर रिपोर्ट में सीबीआइ ने कहा था कि वर्ष 2005-09 तक की अवधि में अभियुक्त ने पब्लिक सर्वेंट के रूप में काम किया. इस अवधि में सभी वैध स्रोतों से उसकी आय 20 लाख रुपये है. जबकि संपत्ति 26.28 लाख रुपये पायी गयी. यानी अभियुक्त के पास आय से अधिक छह लाख 26 हजार 697 रुपये की संपत्ति है. आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में राशि कम होने की वजह से सीबीआइ अभियुक्त के खिलाफ मुकदमा चलाने के पक्ष में नहीं है. सीबीआइ के तत्कालीन विशेष न्यायाधीश ने क्लोजर रिपोर्ट पर विचार करने के बाद अस्वीकार कर दिया. इस मामले में तत्कालीन विशेष न्यायाधीश ने सीबीआइ की दलील को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि अभियुक्त द्वारा अपनी आमदनी के मुकाबले 30 प्रतिशत से अधिक की संपत्ति है. इसलिए उसके खिलाफ ट्रायल चलेगा. इस फैसले के साथ ही न्यायालय ने बंधु तिर्की के खिलाफ समन जारी कर हाजिर होने का निर्देश दिया. पूर्व मंत्री ने इसे हाइकोर्ट मेें चुनौती दी.
हाइकोर्ट में इस याचिका के काफी समय से लंबित रहने की वजह से सक्षम न्यायालय ने सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के आलोक में न्यायिक प्रक्रिया शुरू की. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत किसी मामले के छह माह से अधिक समय तक लंबित रहने पर सक्षम न्यायालय न्यायिक कार्रवाई शुरू करने का आधार है. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के आलोक में सक्षम न्यायालय ने अभियुक्त के खिलाफ समन जारी किया. पर अभियुक्त के हाजिर नहीं होने की वजह से अदालत ने 19 नवंबर 2018 को अभियुक्त के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया.
कोड़ा कांड में छह मंत्री आरोपी हैं (बाक्स बना लें)
कोड़ा कांड में सीबीआइ ने छह मंत्रियों को आरोपी बनाया था. इसमें तत्कालीन मुख्य मंत्री मधु कोड़ा, जल संसाधन मंत्री कमलेश सिंह, पर्यटन मंत्री हरिनारायण राय, स्वास्थ्य मंत्री भानु प्रताप शाही, ग्रामीण विकास मंत्री एनोस एक्का और खेलकूद मंत्री बंधु तिर्की हैं.
सीबीआइ दिल्ली ने सभी मामलों की जांच के बंधु तिर्की के मामले में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी. शेष पांचों मंत्रियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था. इनमें से हरिनारायण राय को पांच साल की सजा हो चुकी है. बाकी सभी मंत्री अभी न्यायिक प्रक्रिया का सामना कर रहे हैं.
आय से अधिक संपत्ति मामले में कार्रवाई
06 बजे सुबह में बनहौरा स्थित घर से बंधु को किया गया गिरफ्तार
11.30 बजे सीबीआइ कोर्ट में हुई पेशी, न्यायिक हिरासत में भेजा
6.28 लाख रुपये की आय से अधिक संपत्ति का मामला
15 दिसंबर को होगी मामले की अगली सुनवाई
बंधु ने जमानत याचिका दायर की, गुरुवार को होगी सुनवाई
एके मिश्रा की अदालत ने बंधु तिर्की के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था

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