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नोबा के कार्यक्रम में झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा, प्रयोग में चल रहे हैं विभाग
रांची : झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने रविवार काे कहा : जितने डिपार्टमेंट (विभाग) हैं, वह एक्सपेरिमेंट (प्रयाेग) में चल रहे हैं. आइएएस अधिकारी प्रशिक्षण व अध्ययन के लिए विदेश जाते हैं. वहां का सिस्टम देखते हैं. वहां की खेती देखते हैं. पठन-पाठन समझने जाते हैं. पर उन्हें यह देखना पड़ेगा कि हमारे लोग […]
रांची : झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने रविवार काे कहा : जितने डिपार्टमेंट (विभाग) हैं, वह एक्सपेरिमेंट (प्रयाेग) में चल रहे हैं. आइएएस अधिकारी प्रशिक्षण व अध्ययन के लिए विदेश जाते हैं. वहां का सिस्टम देखते हैं.
वहां की खेती देखते हैं. पठन-पाठन समझने जाते हैं. पर उन्हें यह देखना पड़ेगा कि हमारे लोग क्या चाहते हैं? क्या विदेश आैर हमारी परिस्थिति एक समान है?
वहां जिस प्रकार से खेती की जा सकती है, क्या वह हमारे यहां हाे सकती है? वहां की जमीन कैसी है? हमारे देश की जमीन कैसी है? वहां की शिक्षा व्यवस्था हमारी शिक्षा व्यवस्था के अनुरूप है क्या? राज्यपाल खेलगांव में नेतरहाट पूर्ववर्ती छात्र संगठन (नोबा) के तत्वावधान में आयोजित नेतरहाट श्री महोत्सव 2018 में बाेल रही थीं.
राज्यपाल ने कहा : आज जरूरत यहां की आवश्यकता को समझने की है. नियम-परिनियम हमें अपनी जरूरत के अनुरूप तैयार करना चाहिए. अपनी वर्तमान स्थिति देख कर ही हमें योजना बनाने की आवश्यकता है.
हमें पहले अपनी भाषा को प्राथमिकता देना चाहिए. उन्हाेंने कहा : हम अंग्रेजी पढ़ें, पर पहले अपनी भाषा पढ़े. हमें जीवन जीने के लिए धन की आवश्यकता होती है, पर जीवन में सब कुछ धन ही नहीं है. हमें यह देखना होगा कि आज हम जो शिक्षा ग्रहण करते हैं, उसका व्यावहारिक जीवन में कितना उपयोग होता है. शिक्षा ही हमारे देश को आगे ले जायेगा.
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