प्रणव
रांची : महिलाओं की सुरक्षा को लेकर राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू की सख्ती के बाद अब पुलिस महकमा भी हरकत में आ गया है. डीजीपी डीके पांडेय ने इस मामले में मातहत अधिकारियों को आदेश जारी किया है.
आदेश में उन्होंने कहा है कि दुष्कर्म व यौन शोषण के मामलों में जिलों के एसएसपी-एसपी 30 दिन में जांच पूरी कराएं. इसके बाद मामले का सुपरविजन कर आरोपियों के खिलाफ 45 दिनों में संबंधित न्यायालय में चार्जशीट दाखिल कराना सुनिश्चित करें.
डीजीपी ने महिला दुष्कर्म और इनके खिलाफ हुए वैसे मामले जो लंबित हैं, उसकी जांच भी 30 दिनों में पूरी करने को कहा है. उन्होंने रेंज डीआइजी को निर्देश दिया है कि वे लंबित मामलों की समीक्षा कर इसकी रिपोर्ट सीआइडी एडीजी को भेजना सुनिश्चित करें. सीआइडी केस की मॉनिटरिंग करेगा. पांडेय ने आदेश में साफ तौर पर कहा है कि दुष्कर्म के मामले में किसी स्तर पर अगर किसी अफसर से चूक होती है, तो उसके खिलाफ तत्काल विभागीय कार्रवाई शुरू करें.
जोनल आइजी हर माह इसकी समीक्षा करें. डीजीपी ने अपहरण, दुष्कर्म व शोषण की बोकारो, पलामू व दुमका में हुई घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि इस तरह की वारदात बर्दाश्त नहीं की जायेगी. बता दें कि महिलाओं की सुरक्षा व बिगड़ती विधि व्यवस्था को लेकर नौ सितंबर को राज्यपाल ने डीजीपी व सीआइडी एडीजी सहित अन्य अधिकारियों को राजभवन तलब किया था.
हॉट स्पॉट की करें पहचान : डीजीपी ने दुष्कर्म व यौन शोषण के मामलों की गंभीरता से जांच करने के साथ ही वैसे स्थलों की पहचान करने का निर्देश दिया है, जहां पर इस तरह की घटनाएं ज्यादा घटित होती हैं. ऐसे हॉट स्पॉट पर सुरक्षा के क्या कदम संबंधित क्षेत्र के थाना प्रभारी द्वारा उठाये गये हैं, इसकी समीक्षा भी क्राइम मीटिंग के दौरान की जाये. अगर हॉट स्पॉट पर महिला सुरक्षा के लिए उपाय नहीं किये गये हैं, तो इसके लिए संबंधित क्षेत्र के थानेदार जिम्मेदार माने जायेंगे.