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रांची : धोखाधड़ी, जालसाजी के आरोपी हुए बरी
रांची : सीजेएम स्वयंभू की अदालत ने रांची विश्वविद्यालय में धोखाधड़ी अौर जालसाजी के 24 आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया. सभी रांची विवि के कर्मी थे. इस मामले में रांची विश्वविद्यालय के तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक एलएन भगत ने तीन अप्रैल 2007 को प्राथमिकी दर्ज करायी थी. इसमें कहा गया था कि […]
रांची : सीजेएम स्वयंभू की अदालत ने रांची विश्वविद्यालय में धोखाधड़ी अौर जालसाजी के 24 आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया. सभी रांची विवि के कर्मी थे. इस मामले में रांची विश्वविद्यालय के तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक एलएन भगत ने तीन अप्रैल 2007 को प्राथमिकी दर्ज करायी थी.
इसमें कहा गया था कि कर्मियों ने धोखाधड़ी, जालसाजी व जाली कागजात बनाकर उसका गलत इस्तेमाल किया था. कर्मियों ने ग्रेच्युटी और अन्य मद में लाखों रुपये की निकासी की. इस मामले में कोतवाली थाना में 29 कर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी.
इनमें ट्रायल के दौरान पांच आरोपियों का निधन हो गया. इस मामले में अोम प्रकाश तिवारी, दिनेश कुमार शर्मा, प्रवीन, ओम प्रकाश तिवारी, अशोक कुमार तिवारी, परशुराम, उपेंद्र सिंह, ब्रजमोहन शर्मा, संतोष कुमार, गिरिजा शंकर, चंद्रिका प्रसाद सहाय, आकाश उर्फ अरूण कुमार, अजीत कुमार प्रवाणिक, राम चंद्र पॉल, शंकर रजक, बालकिशुन साहू, राजेंद्र कुमार, विरेंद्र प्रसाद श्रीवास्तव, राजीव मुखर्जी, लव कुमार सिंह, सुरेंद्र प्रसाद सिंह, गंगा प्रसाद झा, कैलाश चौबे, अंजली चौधरी, एसके पोला, आईडी राम, केवी पॉल, गणेश चंद्र झा, डी घोष के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. इनमें विरेंद्र प्रसाद श्रीवास्तव, डी घोष सहित पांच अभियुक्तों का निधन ट्रायल के दौरान हो गया था.
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