भुरकुंडा : सीसीएल कर्मियों के जर्जर आवासों की मरम्मत के लिए शुरू हुई कायाकल्प योजना में गड़बड़ी का मामला प्रकाश में आया है. इस योजना के तहत 73 करोड़ रुपये की लागत से बरका-सयाल में 4120 क्वार्टरों का मरम्मत होना था. काम शुरू भी हुआ, लेकिन अभी तक पूरा नहीं हुआ. मरम्मत के नाम पर भुरकुंडा परियोजना अंतर्गत लपंगा कॉलोनी में 11 क्वार्टरों के किचन व शौचालय तोड़ दिये गये. इसके बाद मरम्मत कार्य पूरा होने से पहले ही ठेकेदार काम छोड़ कर चला गया.
करीब तीन महीने से काम बंद है. इन क्वार्टरों में रहने वाले कर्मी कहते हैं कि पूरे बरसात जैसे-तैसे जिंदगी कटी. परेशानी अब भी कम नहीं हुई है. भुरकुंडा अस्पताल में गार्ड के पद पर काम करने वाले कन्हैया सिंह कहते हैं कि उनके घर का किचेन व शौचालय मरम्मत के नाम पर तोड़ दिया गया. अब रसोई कार्य में बेहद परेशानी उठानी पड़ रही है. शौचालय में दरवाजा नहीं लगाया गया है. बाथरूम में पानी टंकी भी नहीं लगी है. उरीमारी परियोजना में माइनिंग सरदार रंजीत कुमार मिश्रा कहते हैं कि काम पूरा करने के लिए प्रबंधन को पत्र भी लिखा जा चुका है.
बावजूद सुनवाई नहीं हुई है. तोड़फोड़ के बाद मरम्मत कार्य को पूरा नहीं करने से पूरा परिवार परेशान है. किसी भी क्वार्टर के छत पर तारफेल्टिंग नहीं की गयी है. रंग-रोगन तो दूर की बात है. लोगों का कहना है कि सैकड़ों ऐसे आवास मिल जायेंगे, जिनकी तोड़फोड़ के बाद मरम्मत नहीं की गयी है.