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बाजार उदास, लोग हताश
भुरकुंडा : भुरकुंडा बाजार अब फिर से अपनी बची-खुची पूंजी के साथ संघर्ष करने में जुट गया है. दुकान टूटने के बाद खुले आसमान के नीचे ही अपनी दुकान सजाकर लोग रोजी-रोटी की कवायद में जुट गये हैं. अतिक्रमण के नाम पर दुकानों को ध्वस्त करने के बाद रविवार को पहला साप्ताहिक हाट था. इस […]
भुरकुंडा : भुरकुंडा बाजार अब फिर से अपनी बची-खुची पूंजी के साथ संघर्ष करने में जुट गया है. दुकान टूटने के बाद खुले आसमान के नीचे ही अपनी दुकान सजाकर लोग रोजी-रोटी की कवायद में जुट गये हैं. अतिक्रमण के नाम पर दुकानों को ध्वस्त करने के बाद रविवार को पहला साप्ताहिक हाट था. इस हाट का नजारा पहले जैसा तो नहीं था.
लेकिन इस हाट ने यह जरूर साबित कर दिया कि भुरकुंडा बाजार सिर्फ उदास है, हताश नहीं. हर पर्व-त्योहार के एक दिन पहले एक अलग रौनक के साथ हाट सजता था. विश्वकर्मा पूजा पर भी बाजार की रौनक देखते बनती थी. रविवार को भी पूजा से जुड़े सारे सामान मिल रहे थे. फर्क बस इतना था कि पहले यह फूल, माला, फल, प्रसाद, पूजा सामग्री, सजावट के सामान दुकानों में बिका करते थे, जो आज फुटपाथ पर सजे थे. यह वही दुकानदार थे, जिनकी दुकानें टूट चुकी है. उसी दुकान के आगे मलबे के ढेर पर उन्होंने अपनी दुकानें सजायी और जिंदगी चलाने की जद्दोजहद में जुट गये.
अब तो जान की भी फिक्र नहीं : विश्वकर्मा पूजा को लेकर जो दुकानें सजी थी, वह उसी जगह पर थी, जिसका हिस्सा बुलडोजर से दो दिन पहले तोड़ दिया गया था. दुकान का जो थोड़ा-बहुत ढांचा बचा है, वह कभी भी धराशायी हो सकता है. ऐसे लोगों अजय, सिब्ते, लंबू, अनिल ने कहा कि सब कुछ तो उजाड़ दिया है. अब जान की फिक्र क्या. दुकान नहीं लगायेंगे तो घर-परिवार कैसे चलेगा. वहीं, दूसरी अोर सुदूरवर्ती गांवों से सब्जी, दातून, पत्तल व अन्य सामान लेकर हाट पहुंचने वाले ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा.
ऐसे लोग मेन रोड में दुकानों के सामने अपना सामान बेचते थे. लेकिन आज वह दुकानें ही नहीं थी. सिर्फ मलबे का ढेर था. यह हाल देख वे हैरान-परेशान रह गये.
प्रशासनिक लापरवाही के कारण दिन भर लगा जाम : अतिक्रमण अभियान के बाद मलबे के कारण मेन रोड पर हर रोज जाम लग रहा था. रविवार को हाट के दिन चार पहिया वाहनों को हाट में प्रवेश नहीं करने दिया जाता है. इसके लिए पुलिस गुरुद्वारा व बिरसा चौक के पास बैरिकेडिंग लगाती थी. लेकिन रविवार को ऐसा नहीं किया गया. मलबे के कारण तो पहले से ही जाम लग रहा था. चार पहिया वाहनों के कारण दिनभर लोग जाम में फंसते रहे.
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