प्रकाश रंजन
मेदिनीनगर : न्यायिक दंडाधिकारी (प्रथम श्रेणी) दीपक कुमार की अदालत से मंगलवार को झाविमो प्रमुख व पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी को जमानत मिल गयी है. धारा 188 के मामले में अदालत में हाजिर होकर पूर्व मुख्यमंत्री श्री मंराडी ने जमानत याचिका दायर की थी. अदालत ने 5-5 हजार के मुचलके पर उन्हें जमानत दी.
मालूम हो कि बाबूलाल मरांडी के खिलाफ तत्कालीन अपर समाहर्ता (विधि व्यवस्था) मुकुल पांडेय ने शहर थाना में कांड संख्या 180 /2011 के तहत 29 अप्रैल 2011 को प्राथमिकी दर्ज कराया था. आरोप था कि पूर्व मुख्यमंत्री श्री मंराडी ने धारा 144 का उल्लंघन किया था, क्योंकि 28 अप्रैल से ही धारा 144 लागू था इसके बाद उन्होने अतिक्रमण से प्रभावित लोगो के साथ बैठक की थी, इसी मामलें में धारा 144 के उल्लंघन करने के मामले धारा 188 के तहत मामला दर्ज किया गया था. इस मामले में 8 फरवरी 2017 को न्यायालय द्वारा बाबूलाल मरांडी के खिलाफ गैर जमानती वारंट निर्गत किया गया था. उसके बाद 30 जुलाई 2018 को न्यायालय ने कुर्की की कार्रवाई करने हेतु आदेश जारी किया.
न्यायालय परिसर में पूर्व सीएम के साथ झाविमो के वरीय नेता दिलीप सिंह नामधारी, जिलाध्यक्ष मुरारी पांडेय हुसैनाबाद के रविंद्र कुमार सिंह सहित काफी संख्या में लोग थे.
बाबूलाल मरांडी ने कहा राजनीति साजिश के तहत मामला कराया गया था दर्ज
इस मामले में पत्रकारों से बातचीत करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री श्री मंराडी इस मामले को राजनीतिक साजिश करार दिया है, कहा की इस मामले में आज तक उन्हे एक भी नोटिस नहीं मिली थी कई बार मैं पलामू का दौरा किया, लेकिन पुलिस प्रशासन की ओर से कोई नोटिस नहीं मिली. कहीं न कहीं यह राजनीति साजिश थी, चुनाव के समय इस मामले को सामने लाया जाता है. लेकिन सक्रिय कार्यकर्ताओं के कारण उन्हे इस मामले की जानकारी मिल पायी जिसके बाद न्यायालय में हाजिर हुए, नहीं तो उन्हें गैर जमानती वारंट की जानकारी थी और न ही कुर्की वारंट की.