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बांस के खंभे के सहारे झूल रहे तार, जल रही बिजली

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बुनियादी सुविधाओं से वंचित हीरानंदनपुर पंचायत का पीर तल्ला गांव

राघव मिश्रा, पाकुड़: हीरानंदनपुर पंचायत के पीर तल्ला गांव में रविवार को प्रभात संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में गांव की महिलाएं और पुरुष शामिल हुए. ग्रामीणों ने खुलकर प्रभात संवाद के माध्यम से गांव में उत्पन्न समस्याओं को सामने रखा. ग्रामीणों ने बताया कि वर्तमान समय में सबसे बड़ी समस्या बिजली की है. आज भी इस गांव में बांस के खंभों का इस्तेमाल बिजली के पोल के रूप में किया जा रहा है. यह बिजली व्यवस्था लोगों की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन चुकी है. बिजली के तार हवा चलने पर झूलने लगते हैं और आंधी-बारिश में टूटकर जमीन पर गिर जाते हैं, जिससे बस्तियों में विद्युत आपूर्ति बाधित हो जाती है. यह कभी भी किसी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकता है. जब तेज हवाएं चलती हैं, तो राहगीर और आसपास के मकान वाले डर जाते हैं. यही नहीं, पशुओं को भी इसका खतरा बना रहता है. ग्रामीणों का कहना है कि बिजली के पक्के खंभों को लेकर अधिकारियों से लेकर मंत्रियों तक को आवेदन दिया गया है, लेकिन स्थिति अब भी जस की तस बनी हुई है. इसके अलावा गांव के लोग लो वोल्टेज की समस्या से भी जूझ रहे हैं. इस भीषण गर्मी में लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि अगर समय रहते इस समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो वे बिजली कार्यालय पहुंचकर विरोध करेंगे.

गांव में पक्की सड़कों की कमी, बरसात में लगता है डर

ग्रामीणों का कहना है कि इस गांव की आबादी लगभग 400 के करीब है, लेकिन यहां सड़कों की भारी कमी है. बरसात के दिनों में यह समस्या और गंभीर हो जाती है. सबसे अधिक परेशानी बुजुर्गों और बच्चों को होती है. कच्चा रास्ता होने के कारण कई लोग फिसलकर चोटिल भी हो चुके हैं. गांव से करीब दो किलोमीटर दूर आंगनबाड़ी विद्यालय है, वहां तक पहुंचना बच्चों के लिए बहुत कठिन हो जाता है. धार्मिक स्थल पीर स्थान तक जाने के लिए भी अब तक पक्की सड़क नहीं बन पाई है. लोगों को वहां तक पहुंचने में भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से अपील की है कि गांव में मूलभूत सुविधाओं की गंभीर कमी है और इस ओर शीघ्र ध्यान दिया जाना चाहिए.

400 की आबादी और सिर्फ चार चापाकल

ग्रामीणों ने बताया कि गांव की कुल आबादी लगभग 400 है और पानी की व्यवस्था के लिए केवल चार चापाकल लगाए गए हैं. वहीं, आसपास कुछ निजी तालाब हैं, जिनमें जब तक पानी रहता है, तब तक ग्रामीणों को पानी की समस्या नहीं होती. लेकिन जैसे-जैसे गर्मी बढ़ती है, तालाब सूखने लगते हैं और पानी की समस्या गंभीर हो जाती है. लोगों ने इस समस्या को लेकर भी जिला प्रशासन को कई बार अवगत कराया है, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है.

कहते हैं ग्रामीण

गांव में सबसे बड़ी समस्या लो वोल्टेज की है. इस भीषण गर्मी में लो वोल्टेज से लोग परेशान रहते हैं. बिजली विभाग को इस दिशा में पहल करना चाहिए.

इकबाल अंसारी

गांव में मूलभूत सुविधा का अभाव है. आज भी बांस का खंभा बिजली पोल का खंबा बना हुआ है. कभी भी दुर्घटना घट सकती है.

शाहजहां अंसारी

बिजली विभाग की अनदेखी के कारण ग्रामीणों को गर्मी का मार झेलना पड़ रहा है. भीषण गर्मी पड़ने पर लो वोल्टेज होने से रात जागकर ग्रामीण जीवन व्यतीत करने को मजबूर रहते हैं.

मुर्तजा अली

हमारा देश डिजिटल की ओर बढ़ रहा है लेकिन आज भी गांव में मूलभूत सुविधा से वंचित है. विभाग के उदासीन रवैया के कारण सदर प्रखंड का पीर तल्ला गांव में बांस के खंबे के सहारे ही बिजली की आपूर्ति हो रही है.

सन्नी रविदास

गांव में सड़कों का अभाव है सुख दिन में तो किसी प्रकार काम चल जाता है लेकिन बरसात में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है पंचायत के प्रतिनिधि को इस दिशा में पहल करनी चाहिए

आशिया बीबी

गांव में विद्युत आपूर्ति तो हो रही है लेकिन स्थानीय अधिकारी के चलते लोगों को कई प्रकार के परेशानी का सामना करना पड़ता है. आज भी लो वोल्टेज की समस्या से लोग करहा रहे हैं.

हुसना बानू

गांव में शिक्षा सड़क आदि का अभाव है. कच्चा मार्ग होने के कारण बरसात में खासकर बुजुर्ग वह बच्चों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. जनप्रतिनिधि को इस दिशा में पहल करनी चाहिए.

गांव के विकास को लेकर जनप्रतिनिधि को ध्यान देना चाहिए. 400 की आबादी पर मात्र चार चापाकल हैं गर्मी में पानी की समस्या भी उत्पन्न होती है परेशानी का सामना लोगों को करना पड़ता है.

सरीफन बीबी

बांस के बने खंभे बरसात में गिर जाते हैं. बरसात के मौसम में लोगों को करंट प्रवाह का डर सताए रखता है. बस के बने खंभे पर बिजली की आपूर्ति गांव के लिए आफत है.

मनुआरा बीबी

गांव में सुविधा का अभाव है. सबसे बड़ी समस्या गर्मी के दिनों में बिजली को लेकर होती है. यदि बिजली की व्यवस्था में सुधार हो जाए तो ग्रामीणों को गर्मी से राहत मिलेगी.

कैलाश्वरी देवी

गांव का धार्मिक स्थल पीर स्थल है .पीर स्थल तक जाने के लिए पक्की सड़क का निर्माण अब तक नहीं हुआ है. बरसात के दिनों में लोगों को समस्या होती है इस दिशा में जनप्रतिनिधि को पहल करनी चाहिए.

सेनाउल शेख

गांव में सड़क बिजली को लेकर समस्या है बिजली को लेकर ज्यादा समस्या है . सबसे ज्यादा समस्या गर्मी के दिनों में उत्पन्न होती है. गर्मी के मौसम में तो लोग पेड़ के नीचे बैठकर दिन व्यतीत करते हैं.

राबिया बीबी

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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