पाकुड़. झारखंड राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ ने उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम 20 सूत्री मांगों के समर्थन में ज्ञापन सौंपा है. इसका नेतृत्व संघ के सचिव नारद मंडल ने किया. उपायुक्त से मुलाकात ना होने के कारण उपसमाहर्ता को ज्ञापन सौंपा गया है. इसमें उल्लेख किया गया है कि झारखंड राज्य अराजपत्रित कर्मचारियों की मांग पर सरकार पहल नहीं कर रही है, जिससे कार्य कर रहे कर्मियों में काफी आक्रोश है. हजारों की संख्या में अनुबंध कर्मचारी स्वास्थ्य एवं अन्य विभागों में वर्षों से कार्य कार्यरत हैं, बावजूद उनकी स्थाई नियुक्ति नहीं हो रहा है. वहीं, आउटसोर्सिंग के माध्यम से कार्य करने को लेकर रखा जा रहा है जो बिल्कुल गलत है. संघ के सचिव नारद मंडल ने बताया कि रांची की बैठक में 20 सूत्री मांगों राज्य के सभी रिक्त पड़े पदों पर अनुबंध कर्मियों को स्थाई नियुक्ति करने, स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत सभी एएनएम जीएनएम व अन्य कर्मियों को वरीयता एवं अनुभव के आधार पर स्थाई नियुक्ति करने, पद के अनुसार न्यूनतम 36 हजार मानदेय देने, एमपीडब्ल्यू को उनकी वरीयता के आधार पर स्थाई नियुक्ति करने, श्रम संहिताओं को तत्काल प्रभाव से रोक लगाने, पुरानी पेंशन लागू हो जाने की स्थिति में राज्य कर्मियों के एनपीएस मध्य में कटौती की गई राशि को लौटाए जाने, राज्य भर के सभी कर्मचारियों का सेवानिवृत्ति उम्र सीमा 65 वर्ष करने, शिक्षकों को राज्य कर्मियों की भांति प्रोन्नति व्यवस्था लागू करने, केंद्रीय कर्मियों के अनुरूप सभी राज्य कर्मियों शिक्षकों को परिवहन भत्ता देने समेत अन्य मांगों को लेकर रूपरेखा तैयार की गयी है. मौके पर चिकित्सा जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष नीलम नीलू मुर्मू, गोपाल कुमार, मर्शिला टुडू, रोसा एरिस तिग्गा, सबीना लवलीन आदि मौजूद थे.
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