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Jharkhand: कांग्रेस से नाराजगी नहीं है, ”राष्ट्रवाद” की भावना से प्रभावित होकर भारतीय जनता पार्टी में आया: सुखदेव भगत

अरविंद मिश्रा/सूरज ठाकुर लोहरदगा: बॉक्साइट नगरी के नाम से मशहूर लोहरदगा विधानसभा सीट में पहले चरण के तहत 30 नवंबर को मतदान होना है. भारतीय जनता पार्टी ने मौजूदा विधायक और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष रहे सुखदेव भगत को इस सीट से अपना प्रत्याशी बनाया है. प्रभात खबर की टीम ने लोहरदगा की अपनी चुनावी यात्रा […]

अरविंद मिश्रा/सूरज ठाकुर

लोहरदगा: बॉक्साइट नगरी के नाम से मशहूर लोहरदगा विधानसभा सीट में पहले चरण के तहत 30 नवंबर को मतदान होना है. भारतीय जनता पार्टी ने मौजूदा विधायक और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष रहे सुखदेव भगत को इस सीट से अपना प्रत्याशी बनाया है. प्रभात खबर की टीम ने लोहरदगा की अपनी चुनावी यात्रा के दौरान बीजेपी प्रत्याशी सुखदेव भगत से बातचीत की. पेश है उनसे बातचीत के प्रमुख अंश…

आप लंबे समय तक कांग्रेस पार्टी के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष रहे. बीते कुछ महीनों में ऐसा क्या हुआ कि आपने पार्टी छोड़ दी और फिर विकल्प के तौर पर भारतीय जनता पार्टी का ही चयन क्यों?

सुखदेव भगत- देखिए. मुझे पार्टी से कोई नाराजगी नहीं है. कांग्रेस में मुझे काफी सम्मान मिला. इस समय पूरा राजनीतिक परिदृश्य बदल रहा है. पूरे देश में लोग बीजेपी के राष्ट्रवाद और विकास की उनकी विचारधारा से काफी प्रभावित हैं और मैं कोई अपवाद नहीं हूं. लोहरदगा का और अधिक विकास करने के लिए बीजेपी सही विकल्प है इसलिए मैंने इसमें आने का फैसला किया. जनआकांक्षा को देखते हुए बीजेपी मेरी प्राथमिकता बनी.

आप 2005 का विधानसभा चुनाव लोहरदगा सीट से जीते. आप मौजूदा विधायक भी हैं. इस बार किन नये मुद्दों के साथ जनता के बीच जा रहे हैं?

सुखदेव भगत- विकास एक सतत प्रक्रिया है और इसमें हर बार कोई ना कोई मुद्दा आता है. मुझे लगता है कि केवल आधारभूत संरचना ही विकास का मुद्दा नहीं होना चाहिए बल्कि इसको व्यापकता में देखना चाहिए. हमारा मुद्दा केवल नाली और सड़क ही नहीं होना चाहिए. देखिए, पलायन एक बड़ा मुद्दा है. लेकिन पलायन केवल मजदूरों का नहीं होता बल्कि स्टूडेंट्स का भी होता है.

लोग इलाज के लिए भी पलायन करते हैं. हमें देखना होगा कि इन चुनौतियों से कैसे निपटा जा सकता है.

आपके आवास से सौ मीटर की दूरी पर शहर का सबसे पुराना स्टेडियम, ललित नारायण स्टेडियम है. स्टेडियम काफी जर्जर हालत में है. जनप्रतिनिधि स्पोर्ट्स डेवलपमेंट की बात करते हैं. इस पर आपका क्या कहना है?

सुखदेव भगत- मैं इस मुद्दे को लेकर काफी संवेदनशील हूं. देखिए. ललित नारायण स्टेडियम को लेकर लैंड डिस्प्यूट का मामला हाईकोर्ट में लंबित है इसलिए वहां किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य नहीं करवाया जा सकता. मैंने इस मसले पर उपायुक्त सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारियों से वार्ता की है. जैसे की कोर्ट का निर्णय आ जाता है, निश्चित रूप से स्टेडियम के जीर्णोद्धार का काम करवाया जाएगा.

झारखंड विधानसभा चुनाव में मौजूदा कांग्रेस के मौजूदा प्रदेश चुनाव प्रभारी आरपीएन सिंह ने आप पर परिवारवाद का आरोप लगाया है. आप क्या कहना चाहेंगे?

सुखदेव भगत- देखिए, आरपीएन सिंह मेरे साथी रहे हैं और मेरे लिए बहुत आदरणीय हैं. वो जब ऐसी बातें कहते हैं तो हास्यास्पद लगता है. अगर वो मेरे ऊपर परिवारवाद का आरोप लगा रहे हैं तो फिर आलमगीर आलम, इरफान अंसारी, फुरकान अंसारी और सुबोधकांत सहाय के बारे में क्या बोलेंगे? मुझे लगता है कि उन्हें मुद्दों पर बात करना चाहिए ना कि मेरे ऊपर व्यक्तिगत हमला करना चाहिए.

प्रभात खबर की टीम ने इलाके का दौरा करते हुए पाया कि मुख्य मार्ग सहित ग्रामीण इलाकों में सड़कों की हालत काफी खराब है. बॉक्साइट लदे सैकडों ट्रक रोजाना इस मार्ग से गुजरते हैं. खराब सड़क की वजह से हमेशा हादसे की आशंका बनी रहती है.

सुखदेव भगत- देखिए, मैं आपकी चिंता से सहमत हूं लेकिन जल्द ही इसका समाधान हो जाएगा. मैंने 180 करोड़ की लागत वाला बाइपास परियोजना पास करवाया है. इसके लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है. चुनाव बाद जनवरी-फरवरी में इसका निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा. जहां तक बात शहरी इलाके की है तो आप देखेंगे कि काफी घनी बस्तियां है और इसी वजह से सड़क निर्माण में बाधा आ रही है. लेकिन आचार संहिता हटते ही सड़क निर्माण का काम शुरू करवा दिया जाएगा.

विधायक के तौर पर अपने कार्यकाल को आप कैसे देखते हैं?

सुखदेव भगत- मैं संतुष्ट हूं. मैंने लोहरदगा में आधारभूत संरचना के विकास के लिए काफी काम किया है. सड़कों का निर्माण करवा कर कनेक्टिविटी बढ़ाई है. प्लस टू स्कूल का अपग्रेड करवाया जिससे बच्चों की बढ़ाई में आसानी हुई. 6 करोड़ की लागत से कोल्ड स्टोरेज का निर्माण प्रस्तावित है जिस पर जल्द ही काम होगा.

डाला बाटी नहर परियोजना का काम पूरा हुआ जिससे किसानों को फायदा मिलेगा. हां, एक मलाल है कि मैं स्वास्थ्य के क्षेत्र में उतना काम नहीं कर पाया जितना करना चाहता था. जनता ने दोबारा मौका दिया तो इसपे खास तौर पर ध्यान दूंगा.

चुनाव आयोग की रिपोर्ट बताती है कि झारखंड के 19 जिले अति नक्सल प्रभावित हैं. इनमें लोहरदगा भी शामिल है. आप प्रशासनिक अधिकारी रह चुके हैं. नक्सलवाद की समस्या से निपटने का क्या उपाय है?

सुखदेव भगत- देखिए. नक्सलवाद से निपटने के लिए जो सरकारी योजनाएं बनाई गईं हैं उनका सही क्रियान्वयन जरूरी है. सबसे पहले हमें उग्रवाद प्रभावित इलाकों की मूल समस्याओं को चिह्नित करना चाहिए और फिर वहां आधारभूत संरचना का निर्माण करके लोगों को विकास की प्रक्रिया से जोड़ना चाहिए. कई इलाके ऐसे हैं जो दर्शनीय स्थल बन सकते हैं, उनको चिह्नित कर पर्यटन से जोड़ना चाहिए.

उग्रवाद प्रभावित इलाकों में महिलाओं तथा युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ा जाना चाहिए. नक्सलवाद की समस्या से निपटने के लिए जरूरी है कि कई सारी योजनाओं का एक साथ सही दिशा में क्रियान्वयन होना चाहिए.

Prabhat Khabar Digital Desk
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यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

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