कुड़ू ( लोहरदगा ) : आम्रपाली तथा मगध कोल परियोजना से कोयला लेकर प्रखंड के बड़की चांपी कोयला डंपिंग यार्ड तक चलने वाले वाहनों को ग्रामीणों ने अपनी मांगों को लेकर नौ घंटे तक छोटकी चांपी के समीप रोके रखा. शाम चार बजे एसडीओ राज महेश्वरम तथा एसडीपीओ अरविंद कुमार वर्मा जाम स्थल पर पहुंचे तथा ग्रामीणों से वार्ता करने के बाद सड़क जाम हटाया. ग्रामीणों ने एक मांग पत्र एसडीओ को सौंपा. छोटकी चांपी, ओपा समेत अन्य गांव के ग्रामीणों ने बंदुवा मोड़ से बड़की चांपी डंपिंग यार्ड सड़क की मरम्मत ,
सड़क पर तीन समय नियमित पानी का छिड़काव, कोयला लदे वाहनों की रफ्तार कम करने, कोयला लदे वाहनों के ऊपर तिरपाल बांधने समेत अन्य मांगों को लेकर मंगलवार को सुबह सात बजे छोटकी चांपी के समीप कोयला लदे वाहनों को रोक दिया. सूचना पाकर चार बजे एसडीओ राज महेश्वरम , एसडीपीओ अरविंद कुमार वर्मा समेत कुड़ू थाना के प्रभारी खंतर हरिजन, बीके दीक्षित, संजय कुमार , लवकुश सिंह , चांपी पिकेट प्रभारी श्रीराम तथा भारी संख्या में पुलिस बल मौके पर पहुंचे. ग्रामीणों ने पांच सूत्री मांग पत्र एसडीओ को सौंपा तथा कार्रवाई की मांग की.
ग्रामीणों की मांग जायज : एसडीओ
एसडीओ राज महेश्वरम ने कहा कि ग्रामीणों की मांग जायज है . सभी मांगों पर जिला प्रशासन तत्काल कार्रवाई करेगा . डंपिंग यार्ड की देखरेख करने वाले एक कर्मी से एसडीओ ने फोन पर बात करते हुए नियमित पानी का छिड़काव, वाहन चालकों को वाहन धीरे चलाने , कोयला लदे वाहनों में तिरपाल बांधने का आदेश दिया . एसडीओ ने बताया कि जल्द ही वाहन चालकों की जांंच होगी. शराब पीकर गाड़ी चलाते पकड़े जाने पर ड्राइविंग लाइसेंस रद्द किया जायेगा.
चार माह में 15 बार हो चुका है सड़क जाम : बड़की चांपी से बंदुवा मोड़ होते हुए छोटकी चांपी, कमले होकर बड़की चांपी तक कोयला लदे वाहनों का परिचालन चार माह पहले शुरू किया गया है. सड़क पर पानी छिड़काव, जर्जर सड़क की मरम्मत कराने समेत अन्य मांगों को लेकर 15 बार ग्रामीणों ने सड़क जाम की है. हर बार सड़क जाम की सूचना पर कंपनी के अधिकारी, कर्मी जामस्थल पहुंचते हैं और समस्या समाधान का झांसा देते हैं. सड़क जाम करनेवालों में कबीर अंसारी, मुन्ना अग्रवाल , दूबराज वर्मा , इदरीश अंसारी, सोमा उरांव , अनिल अग्रवाल, रितु देवी, रबानी अंसारी, साजिद, मुंतजीर, शमीम, सिदिक, जितू, फिरोज, राजेश, शैलेश, अमानत, राजदीप, प्रदीप, गौरी समेत सैकड़ों ग्रामीण शामिल थे.