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डीएसइ व मरकच्चो बीइइओ जिम्मेवार

कोडरमा़. शिक्षक नियुक्ति में अनियमितता कोडरमा में शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया में हुई गड़बड़ी की जांच पूरी कर ली गयी है. जांच टीम ने अपनी िरपोर्ट सौंप दी है. कोडरमा बाजार : कोडरमा में शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया में बरती गयी अनियमितता को लेकर गठित जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट डीसी संजीव कुमार बेसरा को सौंप दी […]

कोडरमा़. शिक्षक नियुक्ति में अनियमितता
कोडरमा में शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया में हुई गड़बड़ी की जांच पूरी कर ली गयी है. जांच टीम ने अपनी िरपोर्ट सौंप दी है.
कोडरमा बाजार : कोडरमा में शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया में बरती गयी अनियमितता को लेकर गठित जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट डीसी संजीव कुमार बेसरा को सौंप दी है. रिपोर्ट में डीडीसी सूर्य प्रकाश ने अनियमितता के लिए मुख्य रूप से डीएसइ पीवी शाही व मरकच्चो बीइइओ सूर्य प्रकाश प्रसाद को जिम्मेवार माना है.
काउंसलिंग में शामिल पदाधिकारी डीडब्लूओ अजीत निरल सांगा, कार्यपालक दंडाधिकारी कमलेंद्र कुमार सिन्हा, तत्कालीन भू-अर्जन पदाधिकारी शारदानंद देव, सर्व शिक्षा अभियान के दो एपीओ, डीएसइ कार्यालय के प्रधान सहायक अजीत कुमार व अन्य पर नियुक्ति प्रक्रिया में लापरवाही बरतने की बात कही है.
बीइइओ ने नहीं की मॉनिटरिंग : डीडीसी ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि काउंसेलिंग के दौरान शैक्षणिक आवासीय प्रमाण पत्र पर नियुक्ति को लेकर विवाद हुआ था, पर डीएसइ व अन्य ने इसे नजरअंदाज कर दिया.
काउंसेलिंग में मरकच्चो बीइइओ को बतौर डिप्टी डीएसइ कई महत्वपूर्ण जिम्मेवारी दी गयी थी. उन्हें काउंसेलिंग में शामिल पदाधिकारियों व कर्मियों को नियमों से अवगत कराने के साथ ही माॅनिटरिंग भी करनी थी, पर उन्होंने ऐसा नहीं किया. डीएसइ ने भी अपनी पूरी जिम्मेवारी नहीं निभायी.
प्रपत्र क गठित गठित करने की तैयारी : सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, जांच टीम को काउंसेलिंग में शामिल कुछ शिक्षकों ने महत्वपूर्ण जानकारी दी है, जिन्हें आनेवाले समय में सरकारी गवाह बनाया जा सकता है. यही नहीं, डीएसइ पर इस मामले में स्पष्टीकरण के साथ ही प्रपत्र क गठित करने की कार्रवाई की तैयारी चल रही है. काउंसेलिंग में शामिल अन्य पदाधिकारी व कर्मी जिन पर लापरवाही की बात आयी है, उनसे भी स्पष्टीकरण मांगने की तैयारी है.
नियुक्ति एसी कार्यालय में, हस्तक्षेप शिक्षा विभाग में
रिपोर्ट में कहा गया है कि एसी कार्यालय में नियुक्त कर्मी धर्मेंद्र कुमार सिंह का शिक्षा विभाग के कार्यालय में पूरी तरह से हस्तक्षेप था. जबकि इसके पूर्व आरोप लगने के कारण तत्कालीन डीसी ने धर्मेंद्र सिंह को शिक्षा विभाग के कार्यालय में आने-जाने पर रोक लगाने का स्पष्ट निर्देश था.
उक्त कर्मी की पत्नी मधु कुमारी की भी बहाली हुई है. आरोप है कि शैक्षणिक के लिए निर्गत आवासीय के आधार पर ही उसकी नियुक्त हुई. इसकी नियुक्ति के संबंध में कार्रवाई को लेकर कार्मिक से मंतव्य मांगा गया है. यह भी जानकारी मिली है कि धर्मेंद्र सिंह का निजी स्तर पर एक वाहन शिक्षा विभाग के पदाधिकारी को लंबे समय से उपलब्ध कराया गया था, जो नियम विरुद्ध था.
अब तक 15 की नियुक्ति हुई है रद्द
शिक्षक नियुक्ति में बरती गयी अनियमितता का खुलासा प्रभात खबर ने किया था. नियुक्त नियमों को ताक पर रख, तो कई का अंक बढ़ा कर की गयी थी. अब तक कुल 15 अभ्यर्थियों की नियुक्ति रद्द की जा चुकी है. टेट प्रमाण पत्र फरजी मामले में पहले छह की नियुक्ति रद्द हुई थी़ दो दिन पूर्व ही शिक्षा विभाग ने विभिन्न आरोपों में नौ और अभ्यर्थियों की भी नियुक्ति रद्द कर दी थी.

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