जामताड़ा. सदर प्रखंड के वीरगांव में जलसा बराए इसाले सवाब का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम की शुरुआत कुरान पाक की तिलावत से हुई. इसके बाद मो. अल्ताफ शौकत ने नात शरीफ पढ़ी. जलसे में कई प्रसिद्ध इस्लामी विद्वानों ने तशरीफ लाकर तकरीर पेश की. कारी जमीरुद्दीन (पुरुलिया), मौलाना सद्दाम जामी, हबीबुल्लाह नूरी, मौलाना जाहिद, मौलाना रजाउल्लाह ने मरहूम के लिए ताजीयत पेश करते हुए इसाले सवाब किया. मौलाना अब्दुल रज्जाक कादरी ने कहा कि अगर इंसान इस दुनिया में इज्जत और बरकत चाहता है, तो उसे सबसे पहले अपने मां-बाप की खिदमत और उनकी इज्जत करना चाहिए. रसूले करीम की जिंदगी हमारे लिए एक बेहतरीन मिसाल है. हमें उनके बताए रास्ते पर चलकर अपनी दुनिया और आखिरत संवारनी चाहिए. इल्म की रौशनी के बिना कोई भी कौम तरक्की नहीं कर सकता. इसलिए हर मुसलमान को इल्म हासिल करना जरूरी है. हजरत इमाम हुसैन ने कर्बला के मैदान में कुर्बानी देकर न सिर्फ इंसानियत को बचाया, बल्कि रिश्तों की अहमियत भी बताई. मौके पर मौलाना अब्दुर रकीब, मौलाना सद्दाम हुसैन, हाफिज नाज़ीर हुसैन, मौलाना गुलाम मुस्तफा आदि थे.
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