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असुरों व पापियों के नाश के लिए हुआ प्रभु श्री राम का जन्म : कथावाचक

घाटी बड़बहाल में यज्ञ मैदान में चल रहे पांच दिवसीय श्रीश्री 1008 हनुमंत प्राण प्रतिष्ठा महायज्ञ सह राम कथा जारी है.

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नारायणपुर. घाटी बड़बहाल में यज्ञ मैदान में चल रहे पांच दिवसीय श्रीश्री 1008 हनुमंत प्राण प्रतिष्ठा महायज्ञ सह राम कथा जारी है. इसके तीसरे दिन बुधवार की रात काशी के कथावाचक आचार्य कन्हैया द्विवेदी राम कथा सुनाया. उन्होंने भगवान राम के धरती पर जन्म लेने के उद्देश्य बताये. कथावाचक ने प्रसंग आधारित संगीतमय भजनों की प्रस्तुति दी. समय-समय पर प्रसंग आधारित माता कौशल्या, राजा दशरथ, राम के नवजात स्वरूप आदि देवी देवताओं की झांकी निकाली गयी. प्रस्तुत भजनों का पुरुषों के साथ महिलाओं ने खूब आनंद लिया. कथावाचक ने कहा कि भगवान शिव से माता पार्वती ने प्रश्न किया कि राम कौन हैं और क्यों भगवान एक मनुष्य का रूप लेकर पृथ्वी पर आए? भगवान शिव ने माता उमा के इन प्रश्नों का उत्तर देते हुए बताया कि भगवान के अवतार लेने के पांच विशेष कारण रहे. पहला कारण था संत कुमारों का भगवान के पार्षदों को श्राप, जिसके कारण उनको राक्षस योनि में जाना पड़ा और उनके उद्धार के लिए भगवान को अवतार लेकर आना पड़ा. दूसरा कारण था जलंधर का उद्धार करने के लिए भगवान ने छल से उसकी पत्नी वृंदा का सतीत्व भंग किया, जिसके कारण वृंदा ने भी भगवान को श्राप दिया कि आपको मनुष्य बनना पड़ेगा. तीसरा भगवान के अवतार का कारण था नारद जी का श्राप. चौथा कारण मनु और शतरूपा को भगवान का वरदान रहा कि प्रभु स्वयं उनके पुत्र बनके आएंगे. और पांचवां कारण था राजा प्रतापभान, अरीमर्दन और धर्मरुचि को ऋषियों का श्राप. यह तीनों ही रावण, कुंभकरण और विभीषण बने. भगवान के अवतार के कई कारण हैं लेकिन विशेष रूप से तो भगवान अपने भक्तों के लिए ही अवतार लेते हैं और अवतार लेकर के सुंदर सुंदर लीलाएं करते हैं, जिनका गान कर के बड़ी सरलता से भक्त इस भवसागर से पार हो जाता है. इधर प्रसंग के दौरान राम के जन्म होते ही पंडाल में प्रभु श्रीराम के जयकारों से गूंज उठा. कथावाचक कन्हैया ने इस दौरान राम जन्म स्तुति भाई प्रकट कृपाला दीन दयाला कौशल्या हितकारी …से शुरू होकर बधाई गीत का सिलसिला घंटे तक चलते रहा. महिला पुरुष बधाई गीत पर अपने अपने जगह पर नाचते झूमते रहे. इस दौरान दशरथ जी कौशल्या तथा श्री राम की प्रस्तुत झांकी लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा. कहा कि भगवान का जन्म असुरों और पापियों का नाश करने के लिए हुआ था. भगवान राम ने बाल्यावस्था से ही असुरों का नाश किया. मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम का जीवन चरित्र अनंत सदियों तक चलता रहेगा. राम कथा में पिता के प्रति, मां के प्रति और भाई के प्रति प्रभु राम का जो स्नेह प्रेम रहा सदा सदा के लिए अमर है. मौके पर आयोजन समिति के अध्यक्ष आनंद मोहन तिवारी, प्रमुख व्यवस्थापक गौतम ओझा, कन्हैया ओझा, पंकज कुमार सिंह, नरेश राय, कुंदन तिवारी, रवि कुमार तिवारी, कृष्णकांत शाह, राजकुमार ओझा, अकलू रवानी, मुरारी रवानी, रोहित रवानी, मुकेश तिवारी, वरुण रवानी आदि थे.

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