जामताड़ा : झारखंड शिक्षा परियोजना के शिथिल कार्यशैली के विरोध में बुधवार को सीआरपी-बीआरपी महासंघ के बैनर तले समाहरणालय के समक्ष एक दिवसीय धरना दिया. इसकी अध्यक्षता संघ के जिलाध्यक्ष हेमंत कुमार कर रहे थे.
उन्होंने कहा झारखंड शिक्षा परियोजना के कोई भी काम सीआरपी-बीआरपी के बिना संपादन नहीं होता. शिक्षा विभाग द्वारा जो भी कार्यक्रम चलाया जाता है उसे धरातल में लागू करने के लिये यह मुख्य भूमिका निभाते हैं. लेकिन पदाधिकारियों द्वारा इनका शोषण किया जाता है.
मानदेय भी इन्हें कामचलाऊ दिया जाता है, जिसमें परिवार चलाना भी मुश्किल होता है. कार्यक्रम में राघवेंद्र नारायण सिंह, वरूण राणा, अंगिरा मंडल, प्रदीप चक्रवर्ती, फैज अकरम आदि ने भी अपना भड़ास निकाला. मौके पर रंजीत सिन्हा, रंजीत मिश्र, अलक सख्रेल, श्यामसुंदर पंडित, अंजू राय, दिप्ती विराज पाल, मुकेश अंसारी, तापस चक्रवर्ती, संजीत मिट्टी, तपन सिंह, नतुन झा, विनय भैया आदि उपस्थित थे.
क्या है मांग
परियोजना कर्मी को 2008 में 30 प्रतिशत, 2010 में 22 प्रतिशत एवं 2012 में 50 प्रतिशत मानदेय वृद्धि हुई है. उसी तर्ज पर सीआरपी-बीआरपी का एकमुक्त मानेदय वृद्धि हो.
भारत सरकार के पीएबी के स्वीकृति के अनुसार सभी सीआरपी का नाम सीआरसीसी हो सभी सीआरपी व बीआरपी को बीएड या विद्यालय प्रबंधन का कोर्स कराया जाय आकस्मिक अवकाश, पीएफ कटौती, यात्र भत्ता, चिकित्सा भत्ता, परियोजना भत्ता आदि का लाभ प्रदान करें.