Raghubar Das Hits Hemant Soren: गोड्डा जिले के सुंदरपहाड़ी क्षेत्र में आदिवासी नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म की घटना को झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने दिल-दहला देने वाली घटना करार दिया है. उन्होंने कहा है कि इस घटना पर झारखंड शर्मिंदा है. झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता रघुवर दास ने कहा है कि मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र में आदिवासी नाबालिग से हुए सामूहिक दुष्कर्म के मामले को किसके इशारे पर दबाने की कोशिश हो रही है. रघुवर दास ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की चुप्पी पर भी सवाल खड़े किये हैं.
आदिवासी मुख्यमंत्री के शासन में आदिवासी बेटियां सबसे ज्यादा असुरक्षित – रघुवर दास
रघुवर दास ने सोमवार को कहा कि झारखंड एक बार फिर शर्मसार है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधानसभा बरहेट के सुंदरपहाड़ी क्षेत्र में नाबालिग आदिवासी से सामूहिक दुष्कर्म हुआ है. उन्होंने कहा कि झारखंड की जनता का दुर्भाग्य है कि एक आदिवासी मुख्यमंत्री के शासन में ही आदिवासी बेटियां सबसे ज्यादा असुरक्षित हैं. यह कोई पहली घटना नहीं है. पूरे राज्य में महिला अत्याचार की घटनाएं बढ़ रही है. सरकार चुपचाप देख रही है.
रघुवर ने पूछा- किसके इशारे पर मामले को दबाने की कोशिश हुई
भाजपा के वरिष्ठ नेता और ओडिशा के पूर्व राज्यपाल रघुवर दास ने हेमंत सोरेन सरकार पर आरोप लगाया कि इस जघन्य घटना को आखिर किसके इशारे पर दबाने की कोशिश हुई. यह भी कहा कि जब मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र में बेटियां सुरक्षित नहीं हैं, तो बाकी जिलों का क्या हाल होगा, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है.
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रघुवर बोले- लगातार हो रहे हैं महिलाओं पर हमले
रघुवर दास ने झारखंड के अलग-अलग जिलों की हालिया घटनाओं का जिक्र भी किया. कहा कि बोकारो के ललपनिया में आदिवासी महिला से दुष्कर्म की कोशिश हुई. विरोध करने के बाद गांववालों ने उसे बचाया. साहिबगंज में रुबिका पहाड़िया की निर्मम हत्या हुई. पूर्व सीएम रघुवर दास ने कहा कि सिमडेगा, गुमला, गोड्डा, खूंटी और राजधानी रांची हर जगह महिलाओं और बच्चियों से दुष्कर्म और उनकी हत्या की घटनाएं सामने आ रहीं हैं.
हेमंत सोरेन से मांग – फास्ट ट्रैक कोर्ट में हो सुनवाई, पीड़िता को तुरंत मिले 4 लाख की आर्थिक सहायता
रघुवर दास ने सरकार से मांग की कि ऐसे मामले की फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई हो और दोषियों को कठोरतम सजा मिले. उन्होंने पीड़िता को सीआरपीसी की धारा 357A और झारखंड पीड़ित सहायता योजना 2012 के तहत अविलंब 4 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने की भी मांग की. उन्होंने कहा कि नारी शक्ति समाज, राज्य और राष्ट्र की ताकत हैं. यदि वे ही सुरक्षित नहीं हैं, तो पूरी व्यवस्था की विफलता है. मुख्यमंत्री मुंह खोलें और बतायें कि वे किसके दबाव में चुप हैं.
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