Jamshedpur news.
धाड़ दिशोम पूर्वी सिंहभूम माझी परगना महाल बखुल घाटशिला में स्वशासन व्यवस्था के प्रमुखों की एक बैठक देश परगना बैजू मुर्मू की अध्यक्षता में आयाेजित की गयी. बैठक में देश परगना बैजू मुर्मू ने कहा कि कीताडीह, घाटशिला निवासी बहादुर सोरेन व सुधीर सोरेन का धाड़ दिशोम देश परगना महाल के कोई पदाधिकारी नहीं है. उनके द्वारा माझी परगना महाल का नाम को बदनाम किया जा रहा है. वे माझी परगना महाल के नाम पर लोगों को दिग्भ्रमित कर रहे हैं, इसलिए उन पर कानूनी कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया है. देश परगना ने बताया कि पूर्वी सिंहभूम माझी परगना महाल संगठन की स्थापना 1994-95 में पूर्व देश परगना बाबा स्व. हरेंद्रनाथ मुर्मू के नेतृत्व में लिया गया था, लेकिन 2018 की जिला सम्मेलन के बाद पूर्वी सिंहभूम माझी परगना महाल संगठन का अस्तित्व को खत्म कर दिया गया. वर्तमान समय में माझी परगना महाल कोई संगठन नहीं है, बल्कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 13 (3) ‘क’ आदिवासी पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था (रुढ़ी प्रथा) के तहत संचालित सामाजिक व्यवस्था है. यदि कोई इसे संगठन बताता है, तो गलत है, इसलिए माझी परगना महाल धाड़ दिशोम ने सभी तोरोप परगना बाबा, पुड़सी माझी बाबा तथा सभी माझी बाबा व प्रशासनिक अधिकारियों को सूचित कर दिया है कि बहादुर सोरेन व सुधीर का माझी परगना महाल से कोई संबंध नहीं है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है