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रिहाई की आस में हैं घाघीडीह के 12 बंदी

जमशेदपुर : घाघीडीह सेंट्रल जेल में अाजीवन कारावास की सजा काट रहे 12 बंदियों की रिहाई की आस में कट रही हैं. सभी बंदी 14 साल या उससे ज्यादा अवधि की सजा काट चुके हैंं, लेकिन रिहाई के लिए राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद में भेजे जाने वाले कागजी प्रक्रिया पूरी नहीं होने से इन बंदियों […]

जमशेदपुर : घाघीडीह सेंट्रल जेल में अाजीवन कारावास की सजा काट रहे 12 बंदियों की रिहाई की आस में कट रही हैं. सभी बंदी 14 साल या उससे ज्यादा अवधि की सजा काट चुके हैंं, लेकिन रिहाई के लिए राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद में भेजे जाने वाले कागजी प्रक्रिया पूरी नहीं होने से इन बंदियों की रिहाई नहीं हो पा रही है.
गांधी जयंती पर घाघीडीह सेंट्रल जेल में 21 साल या उससे ज्यादा जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे 22 बंदियों की रिहाई से इन बंदियों की आंखें छलक गयी. सोमवार को रांची आइजी मुख्यालय से पहुंचे जेल अधिकारियों ने इस बंदियों से मुलाकात की और जल्द ही उनकी रिहाई के लिए प्रस्ताव तैयार कर राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद में भेजने का निर्णय लेने का आश्वासन दिया. इससे बंदियों में खुशी व्याप्त है.
विशेष निगरानी में हरीश, आरा से पहुंचे भाई ने की मुलाकात
जमशेदपुर : घाघीडीह सेंट्रल जेल में बंद गैंगस्टर अखिलेश सिंह गिरोह के शूटर हरीश सिंह उर्फ छोटू सिंह से मंगलवार को उसके भाई ने जेल जाकर मुलाकात की. सोमवार को जेल में हाथ के चमड़े को काट कर हरीश ने चादर से फांसी लगाने का प्रयास किया था. सूचना मिलने पर उसका भाई आरा से मिलने मंगलवार को शहर आया था.
पूर्व की गतिविधि को देखते हुए फिलहाल हरीश को सेल में ही रखा गया है और विशेष निगरानी रखी जा रही है. अब तक जांच में यह मामला प्रकाश में आया है कि हरीश न्यायालय में चल रहे अपने खिलाफ मामलों में बाधा पहुंचाने और जेल में अपनी दबंगता स्थापित करना चाहता है. इसके कारण वह सेल से छूटने के लिए सोमवार को हाथ के चमड़े को काट कर जवानों और बंदियों के सामने फांसी लगाने के लिए चादर दिखाने लगा, लेकिन जेल प्रशासन की सख्ती के कारण हरीश का नाकाम रहा.

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