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हां, अोवरलोडिंग के लिये हम दोषी हैं, लेकिन पैरेंट्स ही तो कहते हैं- ”प्लीज एडजस्ट कर लो”
जमशेदपुर : स्कूली अॉटो व वैन से कुचल कर तीन साल में तीन बच्चों की मौत हो चुकी है. हर बार की तरह दुर्घटना होने के बाद जिला प्रशासन जागा है. सोमवार से स्कूली अॉटो व वैन की धरपकड़ होगी. जिला प्रशासन की कार्रवाई के बाद हर बार की तरह अॉटो व वैन चालकों द्वारा […]
जमशेदपुर : स्कूली अॉटो व वैन से कुचल कर तीन साल में तीन बच्चों की मौत हो चुकी है. हर बार की तरह दुर्घटना होने के बाद जिला प्रशासन जागा है. सोमवार से स्कूली अॉटो व वैन की धरपकड़ होगी.
जिला प्रशासन की कार्रवाई के बाद हर बार की तरह अॉटो व वैन चालकों द्वारा कार्रवाई का हवाला देकर अभिभावकों पर किराया बढ़ाने का दबाव डालने की संभावना है. आखिर अोवरलोडिंग क्यों हो रही, इसका स्थायी समाधान क्या हो सकता है, कंडम गाड़ियों का इस्तेमाल बच्चों को ढोने के लिए क्यों किया जाता है, बिना जाली के अॉटो क्यों चल रहे हैं, समेत कई ज्वलंत मुद्दों को जानने और इसका स्थायी समाधान ढूंढने का प्रयास प्रभात खबर की अोर से किया गया.
रविवार को प्रभात खबर कार्यालय में आयोजित परिचर्चा में स्कूली वाहन चालकों ने खुल कर अपनी बातों को रखा अौर यह स्वीकार किया कि कुछ अॉटो व वैन चालकों द्वारा गलत किया जाता है. लेकिन इसके लिये उन्हें अभिभावक भी तो दबाव डालते हैं. सभी ने जिला प्रशासन द्वारा अभियान चलाने का स्वागत किया.
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