जमशेदपुर. मनीफिट टेल्को निवासी कपिल देव (83) को शनिवार को उनके बेटे संतोष कुमार सिंह अपनी पीठ पर लादकर इलाज के लिए अस्पताल में करीब एक घंटे तक भटकते रहे. इस दौरान अस्पताल में न तो उनकोकिसी ने व्हीलचेयर उपलब्ध कराया गया और न ही किसी ने स्ट्रेचर दिया. कपिल देव पेशे से होमियोपैथिक के डॉक्टर हैं.
उन्होंने बताया कि शनिवार की सुबह में चक्कर आने पर वे घर में गिर गये, जिससे उनके पैर व हाथ में चोट लगने के साथ ही नाक से खून भी निकलने लगा. इसके बाद उनका बेटे संतोष किसीतरह अपनी बाइक से उन्हें इलाज कराने के लिए एमजीमए अस्पताल लेकर पहुंचे.
अस्पताल में स्ट्रेचर नहीं मिलने के कारण संतोष ने अपने पिता को पीठ पर लादकर पहले रजिस्ट्रेशन काउंटर पर पर्ची बनवाया फिर ओपीडी गये, लेकिन बकरीद के कारण ओपीडी बंद था. इसके बाद संतोष पिता को पीठ पर लादकर इमरजेंसी में पहुंचे, जहां इलाज में देरी होने के कारण वे काफी देर तक इसी तरह पिता को पीठ पर लादे खड़े भी रहे. थोड़ा हो-हंगामा के बाद डॉक्टरों ने उनकाी ड्रेसिंग की और फिर अस्पताल में भर्ती कर लिया.
इस तरह के मामले की किसी ने शिकायत नहीं की है. अगर मरीज को व्हीलचेयर या स्ट्रेचर नहीं मिला है, तो यह गंभीर बात है. जांच में जो दोषी पाया जायेगा, उसपर कार्रवाई की जायेगी.
डॉ ललित कुमार, मेडिकल ऑफिसर सह कार्यकारी उपाधीक्षक