चौपारण. मोंथा चक्रवात ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है. बेमौसम बारिश से धान की फसल को नुकसान हो रहा है. वहीं आलू, तेलहन, दलहन की फसलों पर भी संकट मंडरा रहा है. कई पंचायतों के गहरे खेतों में धान की बालियां पानी में झुक गयी हैं. किसानों ने कहा कि मौसम सामान्य नहीं हुआ, तो मेहनत बेकार चली जायेगी. ग्रामीण क्षेत्रों के खेतों में पानी भर जाने से धान की कटाई रुक गयी है. रबी फसलों की तैयारी भी ठप पड़ गयी है. किसान अब राहत और मुआवजा के लिए प्रशासन की ओर देख रहे हैं. मानगढ़ निवासी विष्णुधारी कुशवाहा ने कहा कि कुछ दिन और मौसम ठीक रहता है, धान काट लेते. मनोज दांगी ने कहा कि पिछले साल सूखा और इस बार बेमौसम बारिश ने परेशानी बढ़ा दी है. राजेंद्र महतो, पूर्व मुखिया मुरली दांगी, गुलाब रजक, बीरबल साव, प्रदीप शर्मा बेला ने कहा कि चौपारण में 80 प्रतिशत लोग खेती बारी पर आश्रित हैं. इधर, प्रखंड तकनीकी प्रबंधक शंभु प्रसाद सिंह ने बताया कि जो फसल कट चुकी है, उसे तो बहुत नुकसान होगा. खड़ी फसलों को भी नुकसान हो रहा है. जिन किसानों ने हाल ही में आलू की बुआई की है, उन्हें भी नुकसान उठाना पड़ेगा. लगातार हो रही बारिश की वजह से बीज का जर्मिनेशन सही नहीं हो पायेगा.
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